नवरात्रि में माता की चौकी कैसे सजाएं Aise Sajaye Mata Rani Ki Chouki
माता रानी के भक्तों के लिए नवरात्रि का विशेष महत्व है। नवरात्रि के उपवास करते समय नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जाती है और पूरे नो दिनों तक माता रानी के नो रूपों की पूजा अर्चना की जाती है. विशेष है की नवरात्रि में माता रानी की चौकी सजाने का भी महत्त्व है। नवरात्रि में दुर्गा मां के नौ रूपों की आराधना की जाती है। मां शैलपुत्री, माता ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, स्कंदमाता, मां कात्यानी मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री के रूप में मां दुर्गा की पूजा की जाती है। नवरात्रि में माता की चौकी की स्थापना की जाती है। आइये जान लेते हैं की माता रानी की चौकी को कैसे सजाएं?
आज हम माता की चौकी की स्थापना करने का तरीका जानेंगे:-
- सबसे पहले लकड़ी की एक चौकी लेकर उसे शुद्ध जल से साफ़ कर लेना चाहिए.
- अब चौकी पर गंगा जल छिड़क कर पवित्र करना चाहिए.
- माता रानी की चौकी पर लाल रंग का नया वस्त्र बिछाए।
- वस्त्र पर गंगाजल छिड़क कर चौकी के बीच में माता रानी की मूर्ति रखकर लाल चुनर उढायें।
- चौकी के दांयी ओर कलश की स्थापना करें।
- नौ दिनों तक जलने वाली अखंड ज्योत का दीपक माता रानी की मूर्ति के सामने जलाएं।
- माता रानी को तिलक लगाए।
- माता रानी को सिंदूर, कुमकुम, लाल रंग के पुष्प, हल्दी, रोली, हरी व लाल चूड़ियां, लाल चुनरी और सुहागन का सामान अर्पित करें।
- नवरात्रि में मां दुर्गा सप्तशती के पाठ करने का भी प्रावधान है। दुर्गा मां के सहस्रनाम का पाठ करें।
- दुर्गा माता चालीसा का पाठ करें।
- दुर्गा माता की आरती उतारे।
- पूजा संपन्न होने पर माता को फल और मिठाई अर्पित करें।
- एक पात्र में जौ बोयें।
- अब बोये हुए जौ पर पानी का छिड़काव करें।
- माता रानी की 9 दिनों तक पूजा अर्चना करें।
- जौ पर हमेशा पानी से छिड़काव करें अर्थात पर्याप्त मात्रा में पानी डालें।
माता की चौकी सजाने में काम आने वाली सामग्री:
- लाल कपड़ा,
- लाल चुनरी,
- लाल फूलों की माला,
- लाल फूल,
- आम या अशोक के पांच पत्ते,
- एक नारियल,
- सुपारी,
- लौंग,
- इलायची,
- कपूर,
- रोली,
- कलावा,
- अक्षत,
- सिंदूर,
- पीतल या मिट्टी का दीपक,
- गाय का घी,
- पंचमेवे का प्रसाद,
- अगरबत्ती,धूप,
- अखंड जोत करने वाला दीपक,
- मिट्टी का कलश,
- जौ आदि।
कलश की स्थापना कैसे करें:
- कलश में शुद्ध जल भर लें।
- चौकी पर कलश को दांयी तरफ़ रखें।
- कलश को आम या अशोक के पांच पत्तों से ढक दें।
- अब नारियल को लाल कपड़े से लपेटकर के कलावा बांधे। नारियल को कलश के ऊपर स्थापित करें।
फूलों की सजावट Phulo Ki Sajavat
फूलों की सजावट एक खूबसूरत और मनभावन तरीका है अपने घर या मंदिर को सजाने का। फूलों की सुगंध और रंग-बिरंगी छटा मन को मोह लेती है। फूलों की सजावट से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।फूलों की सजावट के लिए कुछ टिप्स:
- फूलों को ताज़ा और स्वच्छ चुनें।
- फूलों को सजाते समय अपनी कल्पना का इस्तेमाल करें।
- फूलों को एक ही रंग के समूह में या अलग-अलग रंगों के मिश्रण में सजा सकते हैं।
- फूलों को सजाते समय उनके आकार और आकार का ध्यान रखें।
- फूलों को सजाने के लिए आप फूलदान, टोकरी, या अन्य सजावटी वस्तुओं का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- मंदिर या द्वार को फूलों से सजाएं।
- तांबे के पात्र में पानी डालकर उसमें फूल डालकर रखें।
- फूलों से रंगोली बनाएं।
- माता के आसान पर फूल बिछाएं।
- फूलों से माला बनाएं।
- फूलों से गुलदस्ते बनाएं।
- फूलों से हार बनाएं।
फूलों की सजावट से घर या मंदिर की सुंदरता में चार चाँद लग जाते हैं। फूलों की सुगंध से मन को शांति मिलती है और भक्तिभाव बढ़ता है।
रंगीन कागज़
रंगीन कागज़ मंदिर या चौकी सजाने का एक अच्छा तरीका है। रंगीन कागज़ की चमक और रंग-बिरंगी छटा मंदिर की सुंदरता को बढ़ा देती है।
रंगीन कागज़ से मंदिर या चौकी सजाने के लिए कुछ टिप्स:
रंगीन कागज़ से मंदिर या चौकी सजाने के कुछ तरीके:
रंगीन कागज़ से मंदिर या चौकी सजाने से घर या मंदिर की सुंदरता में चार चाँद लग जाते हैं।
रंगीन कागज़ मंदिर या चौकी सजाने का एक अच्छा तरीका है। रंगीन कागज़ की चमक और रंग-बिरंगी छटा मंदिर की सुंदरता को बढ़ा देती है।
रंगीन कागज़ से मंदिर या चौकी सजाने के लिए कुछ टिप्स:
- रंगीन कागज़ को साफ और चिकना होना चाहिए।
- रंगीन कागज़ को सजाते समय अपनी कल्पना का इस्तेमाल करें।
- रंगीन कागज़ को एक ही रंग के समूह में या अलग-अलग रंगों के मिश्रण में सजा सकते हैं।
- रंगीन कागज़ को सजाते समय उनके आकार और आकार का ध्यान रखें।
- रंगीन कागज़ को सजाने के लिए आप कागज़ की कटौट, ग्लिटर, मोती, या अन्य सजावटी वस्तुओं का इस्तेमाल कर सकते हैं।
रंगीन कागज़ से मंदिर या चौकी सजाने के कुछ तरीके:
- मंदिर में रंगीन कागज़ बिछा कर उस पर माता की मूर्ति या तस्वीर रखें।
- रंगीन कागज़ की झालर बना कर मंदिर की सजावट करें।
- रंगीन कागज़ की फूलों से मंदिर को सजाएं।
- रंगीन कागज़ की मोतियों से मंदिर को सजाएं।
- रंगीन कागज़ से मंदिर को सजाएं।
रंगीन कागज़ से मंदिर या चौकी सजाने से घर या मंदिर की सुंदरता में चार चाँद लग जाते हैं।
रंगोली Rangoli
रंगोली नवरात्रि में माता का स्वागत करने का एक खूबसूरत तरीका है। रंगोली की सुंदरता और रंग-बिरंगी छटा मन को मोह लेती है। रंगोली बनाना शुभ माना जाता है और इससे घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।रंगोली बनाने के लिए कुछ टिप्स:
- रंगोली बनाने के लिए साफ और समतल जगह का चुनाव करें।
- रंगोली बनाने से पहले एक स्केच बना लें।
- रंगोली बनाने के लिए आप रंग, फूल, दीये, आटे, या अन्य सामग्री का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- रंगोली बनाते समय अपनी कल्पना का इस्तेमाल करें।
रंगोली बनाने के कुछ तरीके:
- आप मंदिर के मुख्य द्वार पर रंगोली बना सकते हैं।
- आप अपने घर के प्रवेश द्वार पर रंगोली बना सकते हैं।
- आप अपने मंदिर के अंदर रंगोली बना सकते हैं।
- आप अपने पूजा स्थल पर रंगोली बना सकते हैं।
रंग-बिरंगी लाइट्स
रंग-बिरंगी लाइट्स मंदिर की सजावट का एक आकर्षक तरीका है। रंग-बिरंगी लाइट्स की चमक और रोशनी मंदिर की सुंदरता को बढ़ा देती है।रंग-बिरंगी लाइट्स से मंदिर सजाने के लिए कुछ टिप्स:
- रंग-बिरंगी लाइट्स को साफ और सही स्थिति में होना चाहिए।
- रंग-बिरंगी लाइट्स को सजाते समय अपनी कल्पना का इस्तेमाल करें।
- रंग-बिरंगी लाइट्स को एक ही रंग के समूह में या अलग-अलग रंगों के मिश्रण में सजा सकते हैं।
- रंग-बिरंगी लाइट्स को सजाते समय उनके आकार और आकार का ध्यान रखें।
- रंग-बिरंगी लाइट्स को सजाने के लिए आप लाइट्स की झालर, लाइट्स की स्ट्रिंग, या अन्य सजावटी वस्तुओं का इस्तेमाल कर सकते हैं।
रंग-बिरंगी लाइट्स से मंदिर सजाने के कुछ तरीके:
- आप मंदिर के बाहर रंग-बिरंगी लाइट्स से सजावट कर सकते हैं।
- आप मंदिर के अंदर रंग-बिरंगी लाइट्स से सजावट कर सकते हैं।
- आप मंदिर की दीवार पर रंग-बिरंगी लाइट्स से सजावट कर सकते हैं।
- आप मंदिर की छत पर रंग-बिरंगी लाइट्स से सजावट कर सकते हैं।
- आप मंदिर की चौकी पर रंग-बिरंगी लाइट्स से सजावट कर सकते हैं।
रंग-बिरंगी लाइट्स से मंदिर सजाकर आप नवरात्रि का त्यौहार और भी अधिक सुंदर और भव्य बना सकते हैं।
चौकी का पाटा Chouki Ka Pata
कभी भी किसी प्लास्टिक का अथवा अन्य किसी वस्तु का बना हुआ पाटा प्रयोग में नहीं लाना चाहिए। प्लास्टिक एक अशुद्ध पदार्थ है और इसका प्रयोग पूजा में अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से माता आप पर क्रोधित हो सकती हैं। नवरात्रि में माता की पूजा का विशेष महत्व होता है। माता की पूजा में सभी चीजों का ध्यान रखना चाहिए। माता को बिठाने के लिए कपड़े का प्रयोग करना चाहिए। कोशिश यह करें कि लाल रंग का आसन कपड़ा ही प्रयोग में लाएं। लाल रंग माता का प्रिय रंग है। इसके अलावा, जिस ओर माता की तस्वीर रखी जाए उसके दाहिने और दीया जलाएं। यह भी एक शुभ संकेत माना जाता है।अखंड ज्योति Akhand Jyoti
यदि आप अखंड ज्योत जलाना चाहते हैं तो उसी दिशा में अर्थात तस्वीर के दाहिने और ही अखंड ज्योत भी जलाएं। ऐसा इसलिए है क्योंकि हिंदू धर्म में दाहिना हाथ शुभ माना जाता है। अखंड ज्योत को मां दुर्गा का प्रतीक माना जाता है, इसलिए इसे मां दुर्गा की तस्वीर के दाहिने तरफ रखना शुभ माना जाता है।पूजा प्रारंभ करने से पहले आसन के कपड़े पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाना भी शुभ माना जाता है। स्वास्तिक को सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। पूजा के दौरान स्वास्तिक का चिन्ह बनाने से पूजा सफल होती है और भक्त को मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है। सबसे पहले श्री गणेश जी की पूजा करना भी आवश्यक है। श्री गणेश जी को भगवान विघ्नहर्ता कहा जाता है। उनकी पूजा करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं और पूजा सफल होती है। नवरात्रि में अखंड ज्योत जलाने के कई लाभ हैं। अखंड ज्योति के प्रकाश से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही जो भी भक्त नौ दिनों तक बिना बुझे अखंड ज्योति जलाता है उसे मां दुर्गा आशीर्वाद देकर उसके जीवन में हमेशा प्रकाश बनाए रखती हैं।
कलश की स्थापना Kalash Ki Sthapana
कलश स्थापना हमेशा माता की चौकी के ईशान कोण अर्थात उसकी उत्तर पूर्व दिशा में ही की जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ईशान कोण को देवताओं का निवास स्थान माना जाता है। कलश स्थापना से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है। कलश स्थापना के साथ ही जवारे बोने का भी विधान है। जवारे को मां दुर्गा का प्रतीक माना जाता है। जवारे बोने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है।माता की चौकी में नवग्रहों तथा षोडश मात्रिकाओं की भी बहुत ज्यादा महत्वता है। नवग्रहों को भगवान शिव के अंश माना जाता है और षोडश मात्रिकाओं को माता दुर्गा की शक्तियों का प्रतीक माना जाता है। नवग्रहों और षोडश मात्रिकाओं को माता की चौकी के दाहिने और बाएं ओर स्थापित करने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है। गणपति जी को भगवान विघ्नहर्ता कहा जाता है। उनकी मूर्ति को माता की चौकी के दाहिने ओर रखने से सभी बाधाएं दूर होती हैं और पूजा सफल होती है।
माता रानी की तश्वीर Mata Ki Tashvir
माता की तस्वीर का मुख पूर्व दिशा होना चाहिये ऐसा इसलिए है क्योंकि पूरब को देवताओं का निवास स्थान और दक्षिण को मां दुर्गा का यह स्थान शुभ माना जाता है। पूरब की दीवार की मुख करती तस्वीर लगाने से भक्तों का मुख पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर होता है, जो शुभ माना जाता है। पूर्व दिशा को ज्ञान और प्रकाश का प्रतीक माना जाता है, और दक्षिण दिशा को शक्ति और उन्नति का प्रतीक माना जाता है। माता रानी को बिठाने के लिए लकड़ी का पाटा या किसी धातु का पाटा प्रयोग में लाना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि लकड़ी और धातु को शुभ माना जाता है।- एक अच्छी गुणवत्ता वाली तस्वीर लें।
- तस्वीर को एक साफ और समतल सतह पर रखें।
- तस्वीर को पूर्व या दक्षिण की दीवार पर लगाएं।
- तस्वीर के नीचे एक चौकी रखें।
- चौकी पर एक लाल कपड़ा बिछाएं।
- चौकी पर फूल, धूप, दीप और प्रसाद रखें।
- तस्वीर की पूजा करें।
- माता की तस्वीर लगाने के बाद प्रतिदिन उनकी पूजा करें।
कलश स्थापना नवरात्रि के पहले दिन की एक महत्वपूर्ण रस्म है। यह मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करने और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने का एक तरीका है। कलश में जल, सुपारी, गंध, दूर्वा घास, अक्षत और सिक्के डालकर उसे घर के पवित्र स्थान पर स्थापित किया जाता है। कलश को मां दुर्गा का प्रतीक माना जाता है। कलश स्थापना से घर में सुख, समृद्धि और मंगल कामनाओं को प्राप्त करने में मदद मिलती है।
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