गंगा स्तोत्रम् हिंदी इंग्लिश मीनिंग इन हिंदी Ganta Stotram Meaning in Hindi English
देवि सुरेश्वरि भगवति गङ्गे त्रिभुवनतारिणि तरलतरङ्गे ।
शङ्करमौलिविहारिणि विमले मम मतिरास्तां तव पदकमले ॥१॥
शङ्करमौलिविहारिणि विमले मम मतिरास्तां तव पदकमले ॥१॥
English Meaning : Oh revered Goddess Bhagavati Ganga, the divine river, Your fluid embodiment's benevolent ripples emancipate the realms of triadic existence,
Residing unsullied within Lord Shankara's crown, May my unwavering reverence find its foundation at the ethereal touch of Your lotus feet.
हिंदी अर्थ : हे देवी भगवती गंगा, देवताओं की देवी, आप अपनी तरल रूप की दयालु लहरों (जल रूप में ) से तीनों लोकों को मुक्त करती हैं। आप शंकर के मस्तक पर निवास करने वाली निर्दोष और पवित्र हैं। मैं अपनी भक्ति को आपके कमल चरणों में दृढ़ता से नमन करता हूँ.
भागीरथि सुखदायिनि मातस्तव जलमहिमा निगमे ख्यातः ।
नाहं जाने तव महिमानं पाहि कृपामयि मामज्ञानम् ॥२॥
नाहं जाने तव महिमानं पाहि कृपामयि मामज्ञानम् ॥२॥
Meaning in English : (Homage to Goddess Ganga) Oh Mother Bhagirathi, You bestow happiness upon all, and Your water's magnificence is extolled in the sacred texts, Though I am not fully acquainted with Your splendor, in spite of my limited knowledge, I implore You to shelter me, O benevolent Mother.
हिंदी अर्थ : हे भागीरथी माँ, आप सभी को सुख प्रदान करती हैं, और पवित्र ग्रंथों में आपके जल की महिमा का वर्णन किया गया है। मैं आपकी भव्यता से पूरी तरह से परिचित नहीं हूँ, फिर भी अपनी सीमित जानकारी के बावजूद, मैं आपसे, विनय करता हूँ की हे दयालु माँ, मुझे अपने चरणों में आश्रय दें।
हरिपदपाद्यतरङ्गिणि गङ्गे हिमविधुमुक्ताधवलतरङ्गे।
दूरीकुरु मम दुष्कृतिभारं कुरु कृपया भवसागरपारम्॥
दूरीकुरु मम दुष्कृतिभारं कुरु कृपया भवसागरपारम्॥
English Meaning : (Hail to Devi Ganga) O Revered Mother Ganga, You emanate from the sacred Feet of Lord Hari, descending with waves as pristine and white as the frost, the moon's luminosity, and the iridescence of pearls, Divine Mother, I entreat You to alleviate the burden of guilt within my mind born from my misdeeds, and through Your boundless compassion, guide me to traverse the vast ocean of samsaric existence.
हिंदी अर्थ : हे गंगा माता, आप हरि के चरण से उत्पन्न हुई हैं और आपकी लहरें बर्फ की सफेदी, चाँद की सफेदी और मोती की सफेदी के समान हैं। हे माता, कृपया मेरे मन में बुरे कर्मों के कारण उत्पन्न हुए बोझ को दूर करें और अपनी कृपा से मुझे अंत में संसार सागर (सांसारिक अस्तित्व) को पार करने में मदद करें।
हिंदी अर्थ : हे गंगा माता, आप हरि के चरण से उत्पन्न हुई हैं और आपकी लहरें बर्फ की सफेदी, चाँद की सफेदी और मोती की सफेदी के समान हैं। हे माता, कृपया मेरे मन में बुरे कर्मों के कारण उत्पन्न हुए बोझ को दूर करें और अपनी कृपा से मुझे अंत में संसार सागर (सांसारिक अस्तित्व) को पार करने में मदद करें।
तव जलममलं येन निपीतं परमपदं खलु तेन गृहीतम्।
मातर्गङ्गे त्वयि यो भक्तः किल तं द्रष्टुं न यमः शक्तः॥
मातर्गङ्गे त्वयि यो भक्तः किल तं द्रष्टुं न यमः शक्तः॥
English Meaning : (Homage to Goddess Ganga) Whosoever partakes of Your unsullied waters shall assuredly attain the supreme realm, Yama himself is rendered powerless to lay his gaze upon such an individual (for they transcend to Your divine abode instead of the realm of Yama).
हिंदी मीनिंग : हे माँ गंगा, जो भी आपके पवित्र जल को पीता है, वह वास्तव में परम धाम को प्राप्त करता है। यमराज उसकी ओर देख भी नहीं पाता (अर्थात वह आपके धाम में जाता है, न कि यमलोक में)।
पतितोद्धारिणि जाह्नवि गङ्गे खण्डितगिरिवरमण्डितभङ्गे ।
भीष्मजननि हे मुनिवरकन्ये पतितनिवारिणि त्रिभुवनधन्ये ॥
भीष्मजननि हे मुनिवरकन्ये पतितनिवारिणि त्रिभुवनधन्ये ॥
English Meaning : Homage to Goddess Ganga, Oh Jahnavi Ganga, You are the redeemer of those who have stumbled, gracefully winding your way through the majestic Himalayan peaks, carving a path and adorning their expanse, O Mother of Bhishma, the offspring of the venerable sage Jahnu, You rescue those in despair and usher abundance across the three realms.
हिंदी मीनिंग : हे जाह्नवी गंगा, आप गिरे हुए लोगों को उठाने वाली हैं, और आप पावन पहाड़ों (हिमालय) से बहती हैं, उन्हें काटती हैं और उन्हें सुशोभित करती हैं। हे भीष्म की माता और महान ऋषि जह्नु की पुत्री, आप गिरे हुए लोगों को बचाती हैं और तीनों लोकों में समृद्धि लाती हैं।
कल्पलतामिव फलदां लोके प्रणमति यस्त्वां न पतति शोके ।
पारावारविहारिणि गङ्गे विमुखयुवतिकृततरलापाङ्गे ॥
पारावारविहारिणि गङ्गे विमुखयुवतिकृततरलापाङ्गे ॥
English Meaning : Homage to Goddess Ganga) You shower the worlds with blessings akin to the Kalpalata, the wish-fulfilling vine; Whosoever humbly bows to You remains untouched by sorrow. O Mother Ganga, Your course into the ocean mirrors the playful demeanor of a youthful maiden, casting coy glances as she turns away.
हिंदी अर्थ : हे माँ गंगा, आप संसार को कल्पलता (मनवांछित फल देने वाली एक दिव्य बेल) की तरह फल प्रदान करती हैं; जो भी आपके प्रति श्रद्धापूर्वक नमन करता है, वह दुख में नहीं पड़ता। हे माँ गंगा, आप एक युवा कन्या की तरह खेल-खल में समुद्र में बहती हैं, जो बार-बार पीछे मुड़कर देखती है।
तव चेन्मातः स्रोतःस्नातः पुनरपि जठरे सोऽपि न जातः ।
नरकनिवारिणि जाह्नवि गङ्गे कलुषविनाशिनि महिमोत्तुङ्गे ॥
नरकनिवारिणि जाह्नवि गङ्गे कलुषविनाशिनि महिमोत्तुङ्गे ॥
English Meaning : Homage to Goddess Ganga) O Mother, one who has immersed in the embrace of Your untainted currents, shall break free from the cycle of rebirth from a mother's womb, O Jahnavi Ganga, You rescue souls from the abyss of Naraka (Hell) and obliterate their impurities; O Mother Ganga, Your magnificence stands towering.
हिंदी मीनिंग : हे माँ, जो भी आपके पवित्र जल की धारा में स्नान करता है, वह फिर से माता के गर्भ से जन्म नहीं लेगा (अर्थात पुनर्जन्म नहीं होगा)। हे जाह्नवी गंगा, आप लोगों को नरक (नर्क) में गिरने से बचाते हैं और उनकी अशुद्धियों को नष्ट करते हैं; हे माँ गंगा, आपकी भव्यता ऊँची है।
पुनरसदङ्गे पुण्यतरङ्गे जय जय जाह्नवि करुणापाङ्गे ।
इन्द्रमुकुटमणिराजितचरणे सुखदे शुभदे भृत्यशरण्ये ॥
इन्द्रमुकुटमणिराजितचरणे सुखदे शुभदे भृत्यशरण्ये ॥
Meaning in English : (Homage to Goddess Ganga) O Jahnavi Ganga, triumph to You, as Your sacred waves and benevolent gaze restore purity to the once impure body, O Mother Ganga, Your feet are graced with the jewel of Indra's crown; You bring delight and shower blessings upon the devotee who seeks Your refuge.
हिंदी मीनिंग : हे जाह्नवी गंगा, आपके पवित्र तरंगों और दयालु दृष्टि से एक बार अशुद्ध शरीर को पवित्रता मिलती है, आपको विजय प्राप्त हो। हे माँ गंगा, आपके चरणों में इंद्र के मुकुट का रत्न शोभायमान है; आप अपने भक्त को प्रसन्न करते हैं और आशीर्वाद की वर्षा करते हैं जो आपकी शरण में आता है।
रोगं शोकं तापं पापं हर मे भगवति कुमतिकलापम् ।
त्रिभुवनसारे वसुधाहारे त्वमसि गतिर्मम खलु संसारे ॥
त्रिभुवनसारे वसुधाहारे त्वमसि गतिर्मम खलु संसारे ॥
Meaning in English : (Salutations to Goddess Ganga) O Sacred Ganga, I implore You to cleanse me of my afflictions, sorrows, hardships, and the burdens of my wrongdoings from my inner being, O Mother Ganga, You stand as the prosperity of the entire cosmos and the jewel adorning the Earth. You are indeed my refuge amidst the intricacies of worldly life.
हिंदी मीनिंग : हे भगवती गंगा, मेरे रोग, दुख, कष्ट और पाप और बुरे विचारों को दूर कर दें। हे माँ गंगा, तुम तीनों लोकों की समृद्धि और पृथ्वी की माला हो, आप ही इस संसार में मुझे शरण देने वाली हो।
अलकानन्दे परमानन्दे कुरु करुणामयि कातरवन्द्ये ।
तव तटनिकटे यस्य निवासः खलु वैकुण्ठे तस्य निवासः ॥
तव तटनिकटे यस्य निवासः खलु वैकुण्ठे तस्य निवासः ॥
(Homage to Goddess Ganga) O Alakananda, the bestower of immense happiness, I humbly beseech you to heed my supplications and shower your benevolence upon me. O compassionate one, who is revered by the vulnerable and needy, Know that dwelling by your riverbank is akin to residing in the divine realm of Vaikuntha.
(भगवती गंगा को नमस्कार) ओ अलकनंदा, ओ महान आनंद की प्रदात्री, कृपया मेरी प्रार्थनाओं को सुनें और मेरे प्रति अनुग्रह शील बनें, ओ दयालु जिन्हें दीनों द्वारा पूजा जाता है, जो आपकी किनारे के पास निवास करता है, वास्तव में वैकुंठ में निवास करता है.
वरमिह नीरे कमठो मीनः किं वा तीरे शरटः क्षीणः।
अथवा श्वपचो मलिनो दीनस्तव न हि दूरे नृपतिकुलीनः॥
अथवा श्वपचो मलिनो दीनस्तव न हि दूरे नृपतिकुलीनः॥
(Homage to Goddess Ganga) O Mother, it is preferable to dwell within your waters as a turtle or fish, or on your banks like a frail chameleon, or even to be lowborn yet unclean and wretchedly positioned (yet close to you), rather than being a king or of high lineage while distanced from your presence.
(भगवती गंगा को नमस्कार) ओ मातृ, तुरंत आपके जल में कछुवा या मत्स्य की तरह रहना बेहतर है, या फिर आपके किनारे कुंचिक के तरह दुर्बल रहना बेहतर है, या फिर अशुचि और दीन उत्पन्न होने के बावजूद (लेकिन आपके करीब होने के साथ), राजा या उच्च जाति होने के बावजूद जब आपसे दूर हो।
भो भुवनेश्वरि पुण्ये धन्ये देवि द्रवमयि मुनिवरकन्ये ।
गङ्गास्तवमिमममलं नित्यं पठति नरो यः स जयति सत्यम् ॥
गङ्गास्तवमिमममलं नित्यं पठति नरो यः स जयति सत्यम् ॥
(भगवती गंगा को नमस्कार) ओ भुवनेश्वरी (जगत की देवी), आप पवित्रता और समृद्धि को देने वाली हैं; ओ देवी, आप महान जाह्नु मुनि की पुत्री हैं, जिनका नियमित रूप से इस पवित्र गंगा स्तव (स्तोत्र) का पाठ करता है, वह सचमुच सफल होता है।
The first line, "O Bhuvaneswari (Guardian of the Earth)", invokes Ganga as the protector of the world. She is seen as a mother figure who nurtures and sustains all living beings. The second line, "You grant purity and abundance", refers to Ganga's ability to cleanse and purify both the physical and spiritual realms. She is also seen as a source of abundance, both material and spiritual.
"O Devi, You are the liquid embodiment of the daughter of the revered sage Jahnu", refers to the story of how Ganga came to be. According to legend, Ganga was originally a river of heaven. She was so powerful that her waters threatened to flood the earth. The sage Jahnu, who was the guardian of the Ganges river, was angered by this and blocked the river with his ascetic powers. The gods intervened and asked Ganga to descend to earth in a more gentle form. She agreed, and her waters flowed down from heaven and into the river that now bears her name.
"O Devi, You are the liquid embodiment of the daughter of the revered sage Jahnu", refers to the story of how Ganga came to be. According to legend, Ganga was originally a river of heaven. She was so powerful that her waters threatened to flood the earth. The sage Jahnu, who was the guardian of the Ganges river, was angered by this and blocked the river with his ascetic powers. The gods intervened and asked Ganga to descend to earth in a more gentle form. She agreed, and her waters flowed down from heaven and into the river that now bears her name.
येषां हृदये गङ्गाभक्तिस्तेषां भवति सदा सुखमुक्तिः ।
मधुराकान्तापज्झटिकाभिः परमानन्दकलितललिताभिः
मधुराकान्तापज्झटिकाभिः परमानन्दकलितललिताभिः
The first line, "He who fills his Heart with Devotion to Devi Ganga, he always feels the Joy of Freedom (within his Heart)", speaks to the power of devotion to bring about inner peace and happiness. When we devote ourselves to Ganga, we open ourselves up to her love and compassion. This can help us to overcome our negative thoughts and emotions, and to experience a sense of true freedom.
"This Ganga Stotram which is Sweet and Pleasing is composed in Pajjhatika meter; It is like a Great Joy formed with Artless Innocence (of Devotion)", refers to the beauty and simplicity of the hymn. The Pajjhatika meter is a type of poetic meter that is known for its sweetness and pleasing sound. This hymn is written in this meter, and it is said to be like a great joy that is formed with artless innocence. This means that the hymn is a pure expression of devotion, without any artificiality or pretense.
"This Ganga Stotram which is Sweet and Pleasing is composed in Pajjhatika meter; It is like a Great Joy formed with Artless Innocence (of Devotion)", refers to the beauty and simplicity of the hymn. The Pajjhatika meter is a type of poetic meter that is known for its sweetness and pleasing sound. This hymn is written in this meter, and it is said to be like a great joy that is formed with artless innocence. This means that the hymn is a pure expression of devotion, without any artificiality or pretense.
गङ्गास्तोत्रमिदं भवसारं वाञ्छितफलदं विमलं सारम् ।
शङ्करसेवकशङ्कररचितं पठति सुखी स्तव इति च समाप्तः
शङ्करसेवकशङ्कररचितं पठति सुखी स्तव इति च समाप्तः
(Salutations to Devi Ganga) This Ganga Stotram is the true substance in this Samsara, giving desired Fruits, and is the essence of Purity, This hymn is composed by Shankara (Adi Shankaracharya), the servant of Shankara (Shiva); those who read it will be filled with Joy; thus ends this Stava (Hymn) (with good wishes for all).
(भगवती गंगा को नमस्कार) यह गंगा स्तोत्र संसार में दिव्य है, जो इच्छित फल देता है, और पवित्रता की सार है, यह स्तोत्र शंकर (आदि शंकराचार्य) द्वारा रचा गया है, शंकर (शिव) के भक्त शंकर द्वारा; इसे पढ़ने से आनंद उत्पन्न होता है; इस प्रकार यह स्तव (स्तोत्र) समाप्त होता है (सभी के लिए शुभकामनाओं के साथ)।