झुँझन वाली रानी सती का प्यारा भजन

झुँझन वाली रानी सती का प्यारा सजा दरबार है भजन

(मुखड़ा)
झुंझुन वाली रानी सती का,
प्यारा सजा दरबार है,
बैठ सिंहासन म्हारी मैया,
खूब लुटा रही प्यार है।।

(अंतरा)
झुंझुन वाली मैया तेरी,
महिमा अपरंपार है,
ओढ़ चुनरिया सजधज बैठी,
खूब सजा दरबार है,
मेहंदी रची थारे हाथा में,
देखो कइया लाल है,
बैठ सिंहासन म्हारी मैया,
खूब लुटा रही प्यार है।।

मात भवानी की कृपा से,
चले घर संसार है,
दुखड़ों सारो मिट जावे,
जब लेवा दादी नाम है,
ये दुनिया एक माया नगरी,
चारों तरफ जाल है,
बैठ सिंहासन म्हारी मैया,
खूब लुटा रही प्यार है।।

दादी की कृपा की लीला,
देखो सबसे न्यारी है,
पल में भर देती ये झोली,
देर कभी ना लगाती है,
शरण में इनके मिलता,
भक्तों को आराम है,
बैठ सिंहासन म्हारी मैया,
खूब लुटा रही प्यार है।।

(पुनरावृत्ति)
झुंझुन वाली रानी सती का,
प्यारा सजा दरबार है,
बैठ सिंहासन म्हारी मैया,
खूब लुटा रही प्यार है।।
 


प्यारा सजा दरबार है | माता रानी का बेहद प्यारा भजन | Nikhil Goel | Devi Geet 2020 | Ambey Bhakti

नवरात्रि एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो नौ रात्रियों तक मनाया जाता है। यह शरद ऋतु में आयोजित होता है और भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। मान्यता के अनुसार, चार मौसमी नवरात्रि होती हैं, जिनमें शारदीय नवरात्रि सबसे प्रसिद्ध है। इस अवसर पर माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-आराधना की जाती है और भक्ति भजनों से उनका गुणगान किया जाता है।

इसी कड़ी में "प्यारा सजा दरबार है" भजन माँ के दिव्य दरबार की शोभा को दर्शाता है। इसे निखिल गोयल जी ने अपनी मधुर आवाज़ से गाया और लिखा है, जबकि संगीत चिंटू मिश्रा जी ने दिया है। यह गीत एल्बम "प्यारा सजा दरबार है" का हिस्सा है और नवरात्रि के पावन मौके पर माँ के भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक अनुभूति लेकर आता है।

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