जाति न पूछो साधु की पूछि लीजिए ज्ञान हिंदी मीनिंग Jaati Na Puchho Sadhu Ki Meaning
जाति न पूछो साधु की पूछि लीजिए ज्ञान हिंदी मीनिंग Jaati Na Puchho Sadhu Ki Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth Sahit
जाति न पूछो साधु की, पूछि लीजिए ज्ञान।
मोल करो तलवार की, पड़ा रहन दो म्यान।।
मोल करो तलवार की, पड़ा रहन दो म्यान।।
Jati Na Puchho Sadhu Ki, Puchh Lijiye Gyan,
Mol Karo Talvar Ki, Pada Rahan Do Myan
हिंदी व्याख्या / मीनिंग : कबीर साहेब ने ज्ञान के महत्त्व को स्थापित करते हुए कथन दिया है की साधू की कोई जाति नहीं होती है। साधू का ज्ञान महत्त्व रखता है। यदि साधू तत्वज्ञानी है तो क्या आवश्यकता है की यह जाना जाय की वह किस जाती, धर्म या समुदाय से ताल्लुक रखता है। यदि वह ज्ञानवान है तो इतना ही पर्याप्त है उसका अनुसरण करने के लिए।
साधु की जाती के स्थान पर ज्ञान वैसे ही महत्त्व रखता है जैसे की तलवार का मोल होता है, म्यान का नहीं। म्यान को पड़ा रहने दो, तलवार का मूल्य करो, कीमत लगाओ। ऐसे ही साधू की जाती के स्थान पर उसके ज्ञान को महत्त्व दो।
साधु की जाती के स्थान पर ज्ञान वैसे ही महत्त्व रखता है जैसे की तलवार का मोल होता है, म्यान का नहीं। म्यान को पड़ा रहने दो, तलवार का मूल्य करो, कीमत लगाओ। ऐसे ही साधू की जाती के स्थान पर उसके ज्ञान को महत्त्व दो।