सुन सुन रै सतसंग री बातां भजन लिरिक्स
एक घड़ी आधी घड़ी और आधी में पूनी आध,
तुलसी सत्संगत संत की मिटे करोड़ अपराध,
तपस्या बरस हजार की सतसंग की घड़ी एक,
तो भी बराबर ना तुले मुनि सुखदेव की विवेक
सुन सुन रै सुन सुन रै,
सुन सुन रै सतसंग री बातां,
जनम सफल हो जावेला,
राम सुमिर सुख पावेला
सत री संगत में नित रो आणों,
सत शब्दा को ध्यान लगाणों,
सुणियाँ पाप कट जावेला,
राम सुमर सुख पावेला,
सुन सुन रै सुन सुन रै,
सुन सुन रै सतसंग री बातां,
जनम सफल हो जावेला,
राम सुमिर सुख पावेला
सत री संगत में सतगुरु आसी,
प्रेम भाव रस प्याला प्यासी,
पिया अमर हो जावेला,
राम सुमर सुख पावेला,
सुन सुन रै सुन सुन रै,
सुन सुन रै सतसंग री बातां,
जनम सफल हो जावेला,
राम सुमिर सुख पावेला
चेत चेत नर चेतो कर ले,
राम नाम की बाळद भर ले,
खर्च बिना काई खावे ला,
राम सुमर सुख पावेला,
सुन सुन रै सुन सुन रै,
सुन सुन रै सतसंग री बातां,
जनम सफल हो जावेला,
राम सुमिर सुख पावेला
दास भगत थाने दे रहा हेला,
अबके बिछड्या फेर ना मिलाला,
फेर पछे पछतावोला,
राम सुमर सुख पावेला,
सुन सुन रै सुन सुन रै,
सुन सुन रै सतसंग री बातां,
जनम सफल हो जावेला,
राम सुमिर सुख पावेला
!! Anil Nagori !! सुन सुन रे सत्संग री बाता !! sun sun satsang ri bata !! अनिल नागौरी !!