मेरे राम की प्राण प्रतिष्ठा है लिरिक्स Mere Ram Ki Pran Pratishtha Lyrics
हर सनातनी के प्राण हैं जो,
प्राणों की प्राण प्रतिष्ठा है,
जन-जन की जिनमें निष्ठा है,
अब उनकी प्राण प्रतिष्ठा है,
मेरे राम की प्राण प्रतिष्ठा है,
श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा है।
कई सदियों के संघर्षों की,
हठयोगों के उत्कर्षों की,
न्यायालय के निष्कर्षों की,
घर घर में उठे विमर्शों की,
अंतरमन के सब हर्षों की,
और इंतज़ार के वर्षों की,
हर शाम हर सहर,
हर घड़ी हर पहर,
पल पल की प्राण प्रतिष्ठा है,
जिनका सेवक वो महाबली,
जो बुद्धिमताम वरिष्ठा है,
जन जन की जिनमें निष्ठा है,
श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा है,
मेरे राम की प्राण प्रतिष्ठा है,
मेरे राम की प्राण प्रतिष्ठा है।
जो कौशलपुर के स्वामी है,
जो सतपथ के अनुगामी है,
मैया सीता के माथे पर,
सिंदूर की जो लालामी हैं,
माँ कौशल्या के राजकुँवर,
अवधेश हैं अन्तर्यामी हैं,
हैं अतीत हैं अनादि,
वो वर्तमान आगामी है,
ब्रहमा का भी जो सृष्टा है,
सारे उद्भव का उदगामी,
पालन में भी युगदृष्टा है,
जन जन की जिनमे निष्ठा है,
अब उनकी प्राण प्रतिष्ठा है,
मेरे राम की प्राण प्रतिष्ठा है,
मेरे राम की प्राण प्रतिष्ठा है।
हर सनातनी के प्राण हैं जो,
प्राणों की प्राण प्रतिष्ठा है,
जन जन की जिनमें निष्ठा है,
अब उनकी प्राण प्रतिष्ठा है,
मेरे राम की प्राण प्रतिष्ठा है,
श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा है।
Agam - Ram Mandir ki Pran Pratishtha Ayodhya | Ram Mohan Sharma | Shree Ram Mandir Bhajan 22 January
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