निज सुख आतम राम है मीनिंग Nij Sukh Aatam Ram Hai Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth Sahit.
निज सुख आतम राम है, दूजा दुख अपार।मनसा वाचा करमना, कबीर सुमिरन सार।।
Nij Sukh Aatam Ram Hai, Duja Dukh Apar,
Manasa Vacha Karmana, Kabir Sumiran Sar.
हिंदी अर्थ : इस दोहे का हिंदी अर्थ है की व्यक्तिगत सुख/निज सुख तो आत्मारूपी है, इसके अतिरिक्त जगत के समस्त व्यवहार ही दुखों का कारण हैं। वन वचन और कर्म से राम नाम का वाचन, पठन और मनन ही सार रूप में है, महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त सभी व्यर्थ है, राम नाम का सुमिरन ही समस्त सांसारिक प्रदार्थों का सार है। कबीर साहेब ने इस दोहे में सुमिरन को ही सर्वोच्च माना है.
Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |