दूर सूं मां चाल के दरबार आई हूं भजन

दूर सूं मां चाल के दरबार आई हूं भजन

सुन दादी सुन दादी मनोहार लाई हूं,
दूर सूं मां चाल के दरबार आई हूं।

यूं तो मेरो थे स्वीकारो,
मेरे घर में आन पधारो,
लाडो की सूनी-सूनी कुटिया ने,
मां आज संवारो,
चरना में मैं पुकार लाई हूं,
दूर सूं मां चाल के दरबार आई हूं।

घर में थारे आने सूं मां,
दुःख संकट मेरा कट जा सी,
थारे चरना की धूलि सूं,
बिगड़ा काम मेरा बन जा सी,
अर्जी ले थारे द्वार आई हूं,
दूर सूं मां चाल के दरबार आई हूं।

पग पेरां सूं थारे दादी,
मेरी भी किस्मत खुल जावे,
हर्ष मेरी अटक्यो गाड़ी,
बिन धक्के ही हिमाचल जावे,
आजा मां आजा मां,
गणों प्यार ल्याई हूं,
दूर सूं मां चाल के दरबार आई हूं।


दादी जी का प्यारा भजन || मनुहार || Swati Agarwal || Manuhar || Latest Dadi Bhajan 2021

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Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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