सावन की रुत है आजा मां तेरा झूला प्यारा घलवाया भजन
सावन की रुत है आजा मां तेरा झूला प्यारा घलवाया भजन
सावन की रुत है आजा मां,
सावन की रुत है, आजा मां,
तेरा झूला प्यारा घलवाया,
फूल बेला गुलाब बसंती मां,
रजनीगंधा से सजवाया,
सावन की रुत है आजा मां,
तेरा झूला प्यारा घलवाया।
हो सूरज चंदा तारे,
सेवा में दादी खड़े तेरे आगे,
हो बिंदिया काजल मेहंदी,
तेरे मन को ऐ दादी यहीं भाए,
लाल चुनरिया ओ दादी,
तेरी लाल चुनरिया ओ दादी,
हीरे-मोती से जड़वाया,
सावन की रुत है आजा मां,
तेरा झूला प्यारा घलवाया।
हो तीजां रो सिंधारा,
माणसां दादी थें चली आओ,
हो भगतां री ये विनती,
सुन लो ओ दादी थे चली आओ,
लाड करां म्हें ओ दादी,
थारा लाड करां म्हें ओ दादी,
मनचायो सिंगार करवाया,
सावन की रुत है आजा मां,
तेरा झूला प्यारा घलवाया।
हो सावन मस्त महीना,
मेरी दादी बस इक बार ही आये,
हो झूला ना झुलाएं,
मेरी दादी दिल की दिल में रह जाए,
रुत ये सुहानी ओ दादी,
है रुत ये सुहानी ओ दादी,
भक्तों का मन है हर्षाया,
सावन की रुत है आजा मां,
तेरा झूला प्यारा घलवाया।
हो हम तो हैं केडवाले,
तेरी सेवा में दादी हैं लग जाएं,
तेरी शरण में दादी,
रहें मधु यहीं हर पल है चाहें,
जन्मों जनम तक ओ दादी,
फिर जन्मों जनम तक ओ दादी,
तेरी भक्ति के रंग में रंग जास्यां,
सावन की रुत है आजा मां,
तेरा झूला प्यारा घलवाया।
सावन की रुत है, आजा मां,
तेरा झूला प्यारा घलवाया,
फूल बेला गुलाब बसंती मां,
रजनीगंधा से सजवाया,
सावन की रुत है आजा मां,
तेरा झूला प्यारा घलवाया।
हो सूरज चंदा तारे,
सेवा में दादी खड़े तेरे आगे,
हो बिंदिया काजल मेहंदी,
तेरे मन को ऐ दादी यहीं भाए,
लाल चुनरिया ओ दादी,
तेरी लाल चुनरिया ओ दादी,
हीरे-मोती से जड़वाया,
सावन की रुत है आजा मां,
तेरा झूला प्यारा घलवाया।
हो तीजां रो सिंधारा,
माणसां दादी थें चली आओ,
हो भगतां री ये विनती,
सुन लो ओ दादी थे चली आओ,
लाड करां म्हें ओ दादी,
थारा लाड करां म्हें ओ दादी,
मनचायो सिंगार करवाया,
सावन की रुत है आजा मां,
तेरा झूला प्यारा घलवाया।
हो सावन मस्त महीना,
मेरी दादी बस इक बार ही आये,
हो झूला ना झुलाएं,
मेरी दादी दिल की दिल में रह जाए,
रुत ये सुहानी ओ दादी,
है रुत ये सुहानी ओ दादी,
भक्तों का मन है हर्षाया,
सावन की रुत है आजा मां,
तेरा झूला प्यारा घलवाया।
हो हम तो हैं केडवाले,
तेरी सेवा में दादी हैं लग जाएं,
तेरी शरण में दादी,
रहें मधु यहीं हर पल है चाहें,
जन्मों जनम तक ओ दादी,
फिर जन्मों जनम तक ओ दादी,
तेरी भक्ति के रंग में रंग जास्यां,
सावन की रुत है आजा मां,
तेरा झूला प्यारा घलवाया।
दादीजी का सिंधारा भजन, तेरा झूला प्यारा घलवाया||श्री केडसती दादी सिंधारा भजन||
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Admin - Saroj Jangir
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