चौर अष्टकम लिरिक्स Chour Ashtakama Bhajan

चौर अष्टकम लिरिक्स Chour Ashtakama Bhajan Lyrics


Latest Bhajan Lyrics

व्रजे प्रसिद्धं नवनीतचौरं,
गोपाङ्गनानां च दुकूलचौरम्,
अनेकजन्मार्जितपापचौरं,
चौराग्रगण्यं पुरुषं नमामि।

श्री राधिकाया हृदयस्य चौरं,
नवाम्बुदश्यामलकान्तिचौरम्,
पदाश्रितानां च समस्तचौरं,
चौराग्रगण्यं पुरुषं नमामि।

अकिञ्चनीकृत्य पदाश्रितं यः,
करोति भिक्षुं पथि गेहहीनम्,
केनाप्यहो भीषणचौर ईदृग्,
दृष्टःश्रुतो वा न जगत्त्रयेपि।

यदीय नामापि हरत्यशेषं,
गिरिप्रसारानपि पापराशीन्,
आश्चर्यरूपो ननु चौर ईदृग्,
दृष्टः श्रुतो वा न मया कदापि।

धनं च मानं च तथेन्द्रियाणि,
प्राणांश् च हृत्वा मम सर्वमेव,
पलायसे कुत्र धृतोद्य चौर,
त्वं भक्तिदाम्नासि मया निरुद्धः।

छिनत्सि घोरं यमपाशबन्धं,
भिनत्सि भीमं भवपाशबन्धम्,
छिनत्सि सर्वस्य समस्तबन्धं,
नैवात्मनो भक्तकृतं तु बन्धम्।

मन्मानसे तामसराशिघोरे,
कारागृहे दुःखमये निबद्धः,
लभस्व हे चौर! हरे! चिराय,
स्वचौर्यदोषोचितमेव दण्डम्।

कारागृहे वस सदा हृदये मदीये,
मद्भक्तिपाशदृढबन्धननिश्चलः सन्,
त्वां कृष्ण हे! प्रलयकोटिशतान्तरेपि,
सर्वस्वचौर! हृदयान्न हि मोचयामि।


Chaurastkam with Lyrics #bilvamangalthakur #vrajeprasiddham #jagganath #adikmaas #purushottammaas

आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.


पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।

Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें

+

एक टिप्पणी भेजें