घोड़लियो भगावो श्याम विपदा भारी आई है
घोड़लियो भगावो श्याम,
विपदा भारी आई है,
दुखड़ा की या घोर बादली,
म्हारे सिर पे छायी है।
विपदा से डर लागे कोनी,
डर लागे थारी लाज से,
छूटेगी पतवार ये कैयां,
बाबा थारे हाथ से,
या ही चिंता फ़िक्र ही म्हाने,
हर दिन हर पल खाई है,
दुखड़ा की या घोर बादली,
म्हारे सिर पे छायी है।
पाँव पाँव मैं धरु सोच के,
थारे कानि देखतो,
धीर बांधे प्रेमी थारा,
जद भी बाबा रोवतो,
कितना के ही विपदा में,
थारी भक्ति आडे आई है,
दुखड़ा की या घोर बादली,
म्हारे सिर पे छायी है।
थारे से ही आस अब तो,
थारे से विश्वास है,
सुण्यो हे दीना को तो बाबा,
लागे तू कुछ ख़ास है,
रवि सांवरा रो रोकर,
था सु फ़रियाद लगाई है,
दुखड़ा की या घोर बादली,
म्हारे सिर पे छायी है।
विपदा भारी आई है | Vipda Bhaari Aayi Hai | Khatu Shyam Heart Touching Bhajan | by Ravi Sharma
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