जेल में प्रगटे कृष्ण कन्हैया भजन

जेल में प्रगटे कृष्ण कन्हैया भजन

 
जेल में प्रगटे कृष्ण कन्हैया भजन

जेल में प्रगटे कृष्ण कन्हैया,
सबको बहुत बधाई है,
बहुत बधाई है,
सबको बहुत बधाई है,
जेल में प्रगटे कृष्ण कन्हैया,
सबको बहुत बधाई है।

मात पिता को सब समझाया,
मैं हूं लीला करने आया,
मात पिता को सब समझाया,
मैं हू लीला करने आया,
जैसा कहुं वैसा ही करना,
जगत भलाई है,
जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया,
सबको बहुत बधाई है।

कैसा किया है जादू कमाल,
छोटे बन गये लड्डू गोपाल,
कैसा किया है जादू कमाल,
छोटे बन गये लड्डू गोपाल,
देखो अंगूठा चूसते,
मोहनी सूरत बनाई है,
जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया,
सबको बहुत बधाई है।

बारिश पड़ रही मूसलाधार,
शेष नाग है सेवा दार,
बारिश पड़ रही मूसलाधार,
शेष नाग है सेवा दार,
यमूना जी की बाढ़,
ना जाने कहा समाई है,
जेल में प्रगटे कृष्ण कन्हैया,
सबको बहुत बधाई है,
जेल में प्रगटे कृष्ण कन्हैया,
सबको बहुत बधाई है।


बहुत ही सुन्दर भजन | जेल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया | Krishna Bhajan 2023 | Jaya Kishori Ji Bhajan 

अंधकार में जन्मा यह प्रकाश उस चमत्कार का प्रतीक है, जहाँ असंभव भी अपनी सीमाएँ तोड़ देता है। कारागार की कोठरी, जो भय और अन्याय का प्रतीक थी, उसी में श्रीकृष्ण का दिव्य अवतार होता है—बंधन में जन्म लेकर वे समस्त बंधनों का अंत कर देते हैं। जंजीरों से बंधे वसुदेव-देवकी के दुःख भरे जीवन में वह क्षण ईश्वर की मुस्कान लेकर आता है। इस जन्म में दिव्यता का वह अद्भुत संदेश है कि जब धर्म डगमगा रहा हो, जब अन्याय बढ़े, तब स्वयं परमात्मा मानव रूप लेकर इस पृथ्वी का संतुलन पुनर्स्थापित करते हैं। वसुदेव-देवकी को भगवान का आश्वासन मिलता है—“इस जन्म का अर्थ ही भलाई है।” 


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