छाया कैसा ये नजारा आज गली ही गली
छाया कैसा ये नजारा आज गली ही गली
छाया कैसा ये नजारा आज गली ही गली
छाया कैसा ये नजारा आज गली ही गली,
आया सबका दुलारा जो बजाए मुरली,
कहीं चंग नगाड़े कहीं बाजे ढपली,
आया सबका दुलारा जो बजाए मुरली,
वो जो नटखट बड़ा,
रहता जिद पे अड़ा,
हुआ जिसका ये जग बावरा,
आज बधाई बांटो,
कि घर नन्दलाल हुआ।
जरा नजर उतारो,
कोई लूण राई वारो,
आके ले लो तो बलायें इसकी,
न्योता सबको बंटाओ,
आके थाल बजाओ,
मेरे कान्हा को सताये हिचकी,
ये सलोना बड़ा,
सबको भाये बड़ा,
हुआ जिसका ये जग बावरा,
आज बधाई बांटो,
कि घर नन्दलाल हुआ।
थोड़ा माखन बनाओ,
मेवे मिश्री भी लाओ,
मेरे लाला को लुभाये ये बड़े,
सारे फूल इतराये,
वो जो झूला महकाये,
बैठा झूले में गोपाला हंसे,
ऐसे लाड लड़ा,
ना हो कोई दायरा,
हुआ जिसका ये जग बावरा,
आज बधाई बांटो,
कि घर नन्दलाल हुआ।
आया दिन है सुहाना,
गाओ मीठा सा तराना,
ये जो छाई है हवा में खुशबू,
मन ऐसा हर्षाये,
हम कान्हा को सुनायें,
बोले सारे हैप्पी बर्थडे टू यू,
नेहा सबको बता,
आया है सांवरा,
हुआ जिसका ये जग बावरा,
आज बधाई बांटो,
कि घर नन्दलाल हुआ।
छाया कैसा ये नजारा आज गली ही गली,
आया सबका दुलारा जो बजाए मुरली,
कहीं चंग नगाड़े कहीं बाजे ढपली,
आया सबका दुलारा जो बजाए मुरली,
वो जो नटखट बड़ा,
रहता जिद पे अड़ा,
हुआ जिसका ये जग बावरा,
आज बधाई बांटो,
कि घर नन्दलाल हुआ।
जरा नजर उतारो,
कोई लूण राई वारो,
आके ले लो तो बलायें इसकी,
न्योता सबको बंटाओ,
आके थाल बजाओ,
मेरे कान्हा को सताये हिचकी,
ये सलोना बड़ा,
सबको भाये बड़ा,
हुआ जिसका ये जग बावरा,
आज बधाई बांटो,
कि घर नन्दलाल हुआ।
थोड़ा माखन बनाओ,
मेवे मिश्री भी लाओ,
मेरे लाला को लुभाये ये बड़े,
सारे फूल इतराये,
वो जो झूला महकाये,
बैठा झूले में गोपाला हंसे,
ऐसे लाड लड़ा,
ना हो कोई दायरा,
हुआ जिसका ये जग बावरा,
आज बधाई बांटो,
कि घर नन्दलाल हुआ।
आया दिन है सुहाना,
गाओ मीठा सा तराना,
ये जो छाई है हवा में खुशबू,
मन ऐसा हर्षाये,
हम कान्हा को सुनायें,
बोले सारे हैप्पी बर्थडे टू यू,
नेहा सबको बता,
आया है सांवरा,
हुआ जिसका ये जग बावरा,
आज बधाई बांटो,
कि घर नन्दलाल हुआ।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार हमारे लिए बहुत ही खास त्यौहार है। इस दिन नंद बाबा के घर कन्हैया का जन्म हुआ था । इस अवसर पर हर गली में नगाड़े और मुरली की मधुर ध्वनि सुनाई देती है। लोग लड्डू गोपाल को सजाते हैं। माखन मिश्री का भोग लगातें हैं और झूले सजाते हैं। कन्हैया की बाल लीलाओं की बातें सुनकर सभी प्रेम और भक्ति से भर जाते हैं। सच्चाई और प्यार से जीना सबसे बड़ा सुख है। श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाकर उनका आशीर्वाद लेने से बहुत आनन्द और संतुष्टि मिलती है।
Ghar Nandlaal Hua | Saket Baiiroliya | Janmashtami Anthem 2024 | घर नंदलाल हुआ | Dahi Haandi
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Song - Ghar Nandalaal Huaa
Singer- Saket Bairoliya
Lyrics- Neha Agarwal
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Lyrics- Neha Agarwal
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Author - Saroj Jangir
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