पतंजलि दिव्य अश्वगंधारिष्ट के फायदे Patanjali Divya Ashwagadharisht Ke Fayde
दोस्तों आयुर्वेद में कई ऐसी औषधीयां हैं जो हमें स्वस्थ रखने के साथ-साथ शारीरिक एवं मानसिक ताकत भी प्रदान करती हैं। इन आयुर्वेदिक औषधियों में उपयोग में ली जाने वाले जड़ी बूटियों का समावेश हमारे स्वस्थ जीवन के लिए बहुत ही आवश्यक होता है। ऐसे ही आज हम जानेंगे पतंजलि दिव्य अश्वगंधारिष्ट के बारे में जिसका सेवन करने से मानसिक विकार दूर होते हैं तथा शारीरिक शक्ति के साथ-साथ मानसिक शक्ति का भी विकास होता है। इसमें उपयोग में ले जाने वाली मुख्य सामग्री अश्वगंधा, मुसली, मंजिष्ठा, हरड़ और हल्दी संयोजन बहुत ही अद्भुत है। जो शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक है। अश्वगंधारिष्ट का सेवन करने से वात जनित समस्याओं में भी लाभ होता है।
तो आईए जानते हैं पतंजलि दिव्य अश्वगंधारिष्ट के फायदे:-
तो आईए जानते हैं पतंजलि दिव्य अश्वगंधारिष्ट के फायदे:-
तनाव दूर करता है पतंजलि दिव्य अश्वगंधारिष्ट
पतंजलि दिव्य अश्वगंधारिष्ट का सेवन करने से तनाव दूर होता है। इसमें उपयोग में लिए जाने वाली औषधियां तनाव को कम कर मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखती हैं। अश्वगंधारिष्ट में एडाप्टोजेनिक प्रॉपर्टीज होती हैं जो शरीर को तनाव से दूर रखने में सहायक होती हैं। यह कोर्टिसोल लेवल को कम करता है। जिससे हमें मानसिक शांति प्राप्त होती है और तनाव दूर होता है।मानसिक अवसाद में है लाभदायक
मानसिक रूप से कमजोर व्यक्तियों द्वारा पतंजलि दिव्य अश्वगंधारिष्ट का सेवन करना बहुत ही लाभदायक होता है। इससे उन्हें मानसिक रूप से शक्ति प्राप्त होती है और उनका मानसिक अवसाद दूर होता है। अश्वगंधारिष्ट मानसिक विकारों को दूर करने में अत्यंत उपयोगी ओषधि है। वैद्य के अनुसार अवसाद, व्यर्थ की चिंता, अनिंद्रा आदि विकारों के इलाज में इसका उपयोग किया जाता है। अश्वगंधा की मौजूदगी इसके एंटीपीलेप्टिक गुण के कारण मिर्गी के प्रबंधन में भी मदद कर सकती है। आयुर्वेद शास्त्रों के अनुसार अश्वगंधारिष्ट में वात संतुलन और मेध्य (बुद्धिमत्ता में सुधार) गुण होते हैं जो चिंता और तनाव के लक्षणों को दूर करते हैं।वात जनित रोगों को दूर करता है
पतंजलि दिव्य अश्वगंधारिष्ट में उपयोग में ले जाने वाले घटक वात जनित रोगों को दूर करते हैं। इससे शरीर में वात की मात्रा संतुलित होती है। जिससे वात जनित समस्याएं दूर होती हैं। अश्वगंधारिष्ट, जिसे अश्वगंधारिष्टम के नाम से भी जाना जाता है, एक आयुर्वेदिक शास्त्रीय ओषधि है जो कई विकारों को दूर कर शरीर को पोषण भी देती है।यौन विकार में है लाभदायक
पतंजलि दिव्य अश्वगंधारिष्ट में उपयोग में लिए जाने वाले सभी घटक प्राकृतिक हैं और यह यौन स्वास्थ्य में भी लाभदायक होते हैं। इससे पुरुषों के यौन स्वास्थ्य में सुधार होता है। पुरुषों के यौन विकार में इस ओषधि के सकारात्मक परिणाम होते हैं। अधिक हस्तमैथुन के कारण से यौन शक्ति का ह्रास होता है और शीघ्रपतन का विकार पैदा हो जाता है। अश्वगंधारिष्ट के सेवन से पुरुष शक्ति का विकास होता है और टाइमिंग बढ़ता है ऐसा इसलिए क्योंकि इससे वीर्य की गुणवत्ता और मात्रा बढ़ती है। यह इसके वाजीकरण (कामोत्तेजक) गुण के कारण होता है।याददाश्त बढ़ाने में है कारगर
पतंजलि दिव्य अश्वगंधारिष्ट का सेवन करने से मानसिक अवसाद दूर होता है तथा याददाश्त बढ़ती है। इसके साथ ही मस्तिष्क सुचारू रूप से कार्य संपन्न करता है। आज के समय में अधिकांश लोग एंग्जायटी और डिप्रेशन से ग्रस्त रहते हैं जिनका कारण आर्थिक और जीवन की प्रतिस्पर्धा है। ऐसे में अश्वगंधा के सेवन से मस्तिस्क को आराम मिलता है और व्यक्ति बेहतर महसूस करता है।चिंता दूर करने में है सहायक
अश्वगंधारिष्ट का सेवन करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है। जो चिंता को दूर करने में बहुत ही सहायक होती है।पुरुषों के बांझपन और नपुंसकता को दूर करने में कारगर: पुरुषों के बांझपन को दूर करने में भी पतंजलि दिव्य अश्वगंधारिष्ट का सेवन करना बहुत लाभदायक होता है। इसके सेवन से पुरुषों के बांझपन और नपुंसकता को दूर किया जा सकता है। यह पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या और उनकी गतिशीलता बढ़ाने में भी सहायक होता है। वर्तमान समय में व्यक्ति पर आर्थिक रूप से बहुत दबाव होता है भले ही वह विद्यार्थी हो, व्यवसाई हो या नौकरी करता हो। ऐसे में मानसिक रूप से व्यक्ति को बहुत तनाव रहता है। अश्वगंधारिष्ट में एडाप्टोजेनिक गुण होते हैं जिनसे तनाव और चिंता दूर होती है। यह कोर्टिसोल के स्तर को कम कर अवसाद को दूर करने में सहायक है।
शारीरिक दुर्बलता दूर करने में सहायक
अश्वगंधारिष्ट का सेवन करना शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होता है। इसका सेवन करने से शारीरिक दुर्बलता दूर होती है तथा मांसपेशियों को राहत प्राप्त होती है और वह मजबूत बनती है। अश्वगंधारिष्ट के सेवन से शारीरिक और मानसिक बीमारियों को दूर करने में सहायता मिलती है क्योंकि इसके घटक शरीर को पोषण देते हैं. जब हम अंग्रेजी दवाओं का उपयोग करते हैं तो उनके कई दुष्परिणाम होते हैं, जबकि अश्वगंधारिष्ट जैसी आयुर्वेदिक ओषधि के कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होते हैं। आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार अश्वगंधारिष्ट के सेवन से व्यक्ति का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य सुधरता है। स्टेमिना को बढ़ाने के लिए भी आप वैद्य की सलाह के अनुसार इस ओषधि का उपयोग कर सकते हैं।मस्तिष्क की क्षमता बढ़ाने में सहायक
अश्वगंधारिष्ट का सेवन करने से मस्तिष्क की कार्य क्षमता बढ़ती है। इससे मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। इससे तंत्रिका तंत्र मजबूत होता है।नर्वस सिस्टम के लिए लाभदायक
पतंजलि दिव्य अश्वगंधारिष्ट नर्वस सिस्टम के लिए बहुत ही लाभदायक होता है। इसे तंत्रिका तंत्र मजबूत होता है तथा सुचारू रूप से कार्य करने में सक्षम होता है।पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है
अश्वगंधारिष्ट का सेवन करना पाचन तंत्र के लिए बहुत ही कारगर है। इससे पाचन तंत्र सुचारू रूप से अपना कार्य संपन्न करता है तथा शरीर को पोषक तत्वों की प्राप्ति होती है। इस ओषधि में जिन घटक का उपयोग किया जाता है उनसे पाचन सुधरता है और कब्ज दूर होता है। खाया पिया शरीर को लगता है। गैस, अजीर्ण कब्ज जैसे विकारों में यह ओषधि उपयोगी है।मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ रखने में है सहायक
अश्वगंधारिष्ट का सेवन करने से तंत्रिका तंत्र मजबूत होता है तथा मांसपेशियां अपना कार्य मजबूती से करती हैं। इसलिए मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ रखने में अश्वगंधारिष्ट का सेवन करना बहुत ही लाभदायक होता है।हार्मोनल संतुलन के लिए है कारगर
शरीर में हार्मोनल संतुलन के लिए भी पतंजलि दिव्य अश्वगंधारिष्ट बहुत लाभदायक होता है। यह हार्मोन्स का संतुलन बनाए रखने में सहायक है।जीवन शक्ति बढ़ाता है
अश्वगंधारिष्ट का सेवन करने से जीवन शक्ति बढ़ती है। यह लंबी बीमारी के बाद आई हुई शारीरिक और मानसिक दुर्बलता को दूर करने में भी बहुत लाभदायक होता है। तनाव कम होने से बेहतर नींद आती है और पाचन शक्ति बढ़ने से शरीर की शक्ति में वृद्धि होती है। ऐसे में अश्वगंधारिष्ट जीवन शक्ति और कायाकल्प को बढ़ावा देती है।वात एवं कफ रोगों में है लाभदायक
वात जनित रोगों को दूर करने में भी पतंजलि दिव्य अश्वगंधारिष्ट का सेवन करना लाभदायक होता है। यह कफ को भी कम करने में सहायक है। इस ओषधि के सेवन से वात शांत होता है जिससे वात जनित विकारों में राहत मिलती है। जोड़ों के दर्द और मांशपेशियों के दर्द में राहत मिलती है और साथ ही कफ दोष भी नियंत्रित होता है।आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
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अनिद्रा को करता है दूर
अश्वगंधारिष्ट का सेवन करने से अनिद्रा की समस्या दूर होती है। इससे नींद की कमी पूरी होती है। इसके सेवन से मानसिक तंत्रिकाओं को राहत प्राप्त होती हैं जिससे अनिद्रा की समस्या दूर होती है। बेहतर नींद के लिए यह ओषधि उपयोगी है। इसके सेवन से पाचन सुधरता है और तनाव दूर होने से बेहतर नींद आती है।सहनशक्ति और ऊर्जा का स्तर बढ़ाये रखने में सहायक
आयुर्वेद की यह दवा एक टौनिक की तरह कार्य करती है जिससे जीवन शक्ति के साथ-साथ सहनशक्ति भी बढ़ती है। पतंजलि दिव्य अश्वगंधारिष्ट में कई पोषक तत्व होते हैं जो शरीर को पोषण देते हैं और ऊर्जा शक्ति को बढ़ाते हैं।गठिया रोग में लाभकारी
अश्वगंधारिष्ट ओषधि के सेवन से जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है। इस ओषधि के सेवन से ऑस्टियोआर्थराइटिस में सुधार होता है। यह वात दोष को नियंत्रित करके संधिवात को दूर करता है। अश्वगंधारिष्ट के सेवन से बढ़े हुए वात को कम किया जाता है जिससे गठिया विकार में लाभ मिलता है।रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में कारगर
आयुर्वेद की यह औषधि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। जिससे वायरल इंफेक्शन जैसे सर्दी, जुखाम, बुखार आदि से बचाव होता है। और बदलते मौसम से होने वाले समस्याओं में भी से भी हम हमारा बचाव करने में सक्षम होते हैं। जैसा की ज्ञात है की अश्वगंधा में कई गुण होते हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करने में सहायक होते हैं। पतंजलि आयुर्वेद के आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, नियमित तौर पर पतंजलि अश्वगंधा पाउडर का सेवन करने से शरीर की रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है और आप बीमार कम पड़ते हैं.थकान और कमजोरी को दूर करने के लिए
अश्वगंधारिष्ट के सेवन से शरीर को शारीरिक और मानसिक रूप से शक्ति बढ़ती है। ऊर्जा का स्तर बढ़ने से व्यक्ति की कार्यक्षमता में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। थकान का मुख्य कारण कफ दोष होता है। जैसे की आपने जाना की अश्वगंधारिष्ट कफ दोष को दूर करता है जिससे थकान दूर होती है। अश्वगंधारिष्ट बल्य (शक्ति प्रदाता) और रसायन (कायाकल्प करने वाले) गुण थकान को कम करने में भी मदद करते हैं।मिर्गी रोग में फायदेमंद
अश्वगंधारिष्ट मिर्गी के दौरे में प्रभावी ओषधि है। यह चेतना शक्ति की वृद्धि करता है और त्रिदोष (वात-पित्त-कफ) संतुलन करता है और रसायन (कायाकल्प) को बढ़ाता है।यह भी देखें : पतंजलि अश्वगंधा के फ़ायदे Patanjali Ashwagandha Ke Fayade
पतंजलि दिव्या अश्वगंधारिष्ट के घटक
पतंजलि दिव्य अश्वगंधारिष्ट एक बहुत ही उपयोगी जड़ी बूटियां का संयोजन है। इसमें उपयोग में लिए जाने वाले मुख्य घटक हैं- अश्वगंधा (Withania somnifera)
- मुसली (Asparagus adscendens)
- मञ्जिष्ठा (Rubia cordifolia)
- हरड़ (Terminalia chebula)
- हल्दी (Curcuma longa)
- दारुहल्दी (Berberis aristata)
- मुलेठी (Glycyrrhiza glabra)
- रसना (Pluchea lanceolata)
- विधारी (Pueraria tuberosa)
- अर्जुन (Terminalia arjuna)
- नागरमोथा (Cyperus rotandus)
- निशोथ (Operculina turpethum)
- काली सरिवा (Sariva) (Syrptolepis buchananiana)
- सफेद सरिवा (Hemidesmus indicus)
- चंदन (Santalum album)
- रक्तचंदन (Pterocarpus santalinus)
- वच (Acorus calamus)
- चित्रक (Plumbago zeylanica)
- गुड़ (Jaggery)
- धैफूल (Woodfordia fruticosa)
- सौंठ (Zingiber officinale)
- कालीमिर्च (Piper nigrum)
- पिपल (Piper longum)
- दालचीनी (Cinnamomum zeylanicum)
- बड़ी एला (Amomum sabulatum)
- तेजपत्ता (Cinnamomum tamala)
- प्रियांगु (Callicarpa macrophylla)
- नागकेशर (Mesua ferrea)
खांसी से आराम पाने के अश्वगंधारिष्ट के फायदे Patanjali Ashwagandharisht Ke Fayde
अश्वगंधारिष्ट के सेवन से खांसी में भी लाभ मिलता है। इसका मूल घातक अश्वगंधा होता है जिससे इसके सेवन से खांसी या कफ से जुड़ी समस्याओं में आराम मिलता है।
पतंजलि अश्वगंधारिष्ट के साइड इफेक्ट Patanjali Ashwagandharisht Ke Side Effects
अश्वगंधारिष्ट एक आयुर्वेदिक ओषधि है जिसके कोई ज्ञात दुष्परिणाम नहीं हैं लेकिन फिर भी आप इसके सेवन से पूर्व वैद्य की सलाह अवश्य प्राप्त कर लें। छोटे बच्चों के लिए पतंजलि अश्वगंधारिष्ट का इस्तेमाल ना करें. किडनी की समस्या वाले लोगों को अश्वगंधारिष्ट का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
पतंजलि दिव्य अश्वगंधारिष्ट का सेवन कैसे करें
वैसे तो यह एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसका सेवन किया जा सकता है। लेकिन फिर भी अगर आप किसी भी प्रकार की अन्य दवाइयों का सेवन कर रहे हैं या किसी प्रकार की एलर्जी से ग्रसित है तो आप इसका सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह अवश्य ले लें। इसका सेवन भोजन के पश्चात दिन में दो बार किया जा सकता है। 10-20ml की मात्रा को बराबर पानी के साथ मिलाकर लिया जाता है। आप इसका सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सा से सलाह अवश्य ले लें।According to Patanjali -
Divya Ashvagandharist is a unique blend of natural extracts that effectively enhances the functioning of your brain and nervous system. Ashvagandharist possesses remarkable relaxant and mild sedative properties. It not only calms your mind but also provides nourishment to your brain and nerves, aiding in the restoration of equilibrium. Divya Ashvagandharist is also known for its ability to prevent epileptic attacks, treat sexual disorders, weakness, and depression. The composition primarily consists of Ashwagandha (Withaniasomnifera), Musli, Manjistha, Daruhaldi, Mulethi, Rasna, Vidhari, Arjuna, Nagarmotha, Nishoth, Kali sariva, Safed sariva, Chandan, Raktchandan, Vach, and Chitraka.
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The author of this blog, Saroj Jangir (Admin),
is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a
diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me,
shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak
Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from
an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has
presented Ayurvedic Knowledge and lifestyle recommendations in a simple
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and to highlight the significance of natural remedies in Ayurveda.
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