आ नचियां दरबार संगतां आ नचियां भजन

आ नचियां दरबार संगतां आ नचियां भजन

आ नचियां दरबार संगतां आ नचियां,
आ नचियां दरबार संगतां आ नचियां,
आ नचियां दरबार संगतां आ नचियां।

सोहणा चेत महीना आया,
बाबे जोगी ने दरबार बुलाया,
सभ नूं प्रीतां लगियां,
संगतां आ नचियां,
आ नचियां दरबार,
संगतां आ नचियां।

शाह तलाईयां रौनकां लगाईयां,
जिथे मेरे जोगी पौणाहारी ने,
गऊं चराईयां,
सारे मनावण खुशियां,
संगतां आ नचियां,
आ नचियां दरबार,
संगतां आ नचियां।

ढोली रल मिल ढोल वजावे,
भगत बाबे दे नाल भंगड़े पावे,
बड़ियां ही धूमां मचियां,
संगतां आ नचियां,
आ नचियां दरबार,
संगतां आ नचियां।

जेहड़े जोगी बाबे दा नाम ध्याऊंदे,
मुंहों मंगियां मुरादां पाऊंदे,
एह गल्लां ने सच्चियां,
संगतां आ नचियां,
आ नचियां दरबार,
संगतां आ नचियां।


आ नचीआं दरबार संगता आ नचीआं - तेरे दरबार संगता झुक रहिया | कन्हैया कान्हा भजन #कृष्ण भजन #bhajan

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Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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