आछे दिन पाछे गए हरी से किया न हेत हिंदी मीनिंग

आछे दिन पाछे गए हरी से किया न हेत हिंदी मीनिंग Aachhe Din Pachhe Gaye Meaning : kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth Sahit

आछे दिन पाछे गए हरी से किया न हेत।
अब पछताए होत क्या, चिडिया चुग गई खेत।

Aachhe Din Pachhe Gaye, Hari Se Kiya Na Het,
Aub Pachhtaye Hot Kya, Chidiya Chug Gai Khet.

आछे दिन पाछे गए हरी से किया न हेत हिंदी मीनिंग Aachhe Din Pachhe Gaye Meaning

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

अच्छे दिनों से आशय है की जवानी का समय, जवानी में व्यक्ति हरी के नाम का सुमिरन नहीं करता है , माया के संग्रह में ही लगा रहता है। अब जब वृद्धावस्था आ गई है तो पछताने से क्या फायदा होने वाला है ? अब तो चिड़िया खेत को चुग गई है। जीवन का अच्छा समय बीत चूका है। अतः इस दोहे में कबीर साहेब यह सन्देश देते हैं की हमें अपने जीवन में शरीर के स्वस्थ रहने तक हरी के नाम का सुमिरन कर लेना चाहिए। इस दोहे में कबीर दास जी हमें समय के महत्व और परोपकार के बारे में बता रहे हैं। वे कहते हैं कि समय बहुत ही अनमोल है, और इसे व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए। हमें परोपकार करना चाहिए और ईश्वर का ध्यान करना चाहिए। अगर हम ऐसा नहीं करते हैं, तो समय बीत जाने के बाद पछताना बेकार है।

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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