कबीरा सोई पीर है जो जाने पर पीर हिंदी मीनिंग Kabira Soi Peer Hai Meaning

कबीरा सोई पीर है जो जाने पर पीर हिंदी मीनिंग Kabira Soi Peer Hai Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth Sahit

कबीरा सोई पीर है, जो जाने पर पीर।
जो पर पीर न जानही, सो का पीर में पीर।
 
Kabira Soi Peer Hai, Jo Jane Par Peer,
Jo Pr Peer Na Janahi, So Ka Peer Me Peer.
 
कबीरा सोई पीर है जो जाने पर पीर हिंदी मीनिंग Kabira Soi Peer Hai Meaning
 

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

कबीर वही इंसान ईश्वर तुल्य है जो दूसरों की पीड़ा को समझता है। जो दूसरों की पीड़ा को नहीं समझता है उसका पीर या इंसान होने का कोई फायदा नहीं होता है। आशय है की मानवता का परम धर्म है की वह दूसरों की पीड़ा और दर्द को समझे और उनकी मदद करे।  इस दोहे में संत कबीर दास जी कहते हैं कि जो इंसान दूसरों की पीड़ा और दुःख को समझता है, वही सज्जन पुरुष है। जो दूसरों की पीड़ा को नहीं समझता, वह स्वयं भी पीड़ित है, क्योंकि वह दूसरों की पीड़ा को महसूस करने में असमर्थ है।

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