कबीरा सोई पीर है जो जाने पर पीर हिंदी मीनिंग Kabira Soi Peer Hai Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth Sahit
कबीरा सोई पीर है, जो जाने पर पीर।
जो पर पीर न जानही, सो का पीर में पीर।
Kabira Soi Peer Hai, Jo Jane Par Peer,
Jo Pr Peer Na Janahi, So Ka Peer Me Peer.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
कबीर वही इंसान ईश्वर तुल्य है जो दूसरों की पीड़ा को समझता है। जो दूसरों की पीड़ा को नहीं समझता है उसका पीर या इंसान होने का कोई फायदा नहीं होता है। आशय है की मानवता का परम धर्म है की वह दूसरों की पीड़ा और दर्द को समझे और उनकी मदद करे। इस दोहे में संत कबीर दास जी कहते हैं कि जो इंसान दूसरों की पीड़ा और दुःख को समझता है, वही सज्जन पुरुष है। जो दूसरों की पीड़ा को नहीं समझता, वह स्वयं भी पीड़ित है, क्योंकि वह दूसरों की पीड़ा को महसूस करने में असमर्थ है।आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
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