जग में बैरी कोई नहीं जो मन शीतल होए मीनिंग
जग में बैरी कोई नहीं जो मन शीतल होए हिंदी मीनिंग
जग में बैरी कोई नहीं, जो मन शीतल होए ।यह आपा तो डाल दे, दया करे सब कोए ।
Jag Me Bairi Koi Nahi, Jo Man Sheetal Hoy,
Yah Aapa To Daal De, Daya Kare Sab Koy.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
कबीर साहेब की वाणी है की यदि साधक के चित्त में शीतलता है तो पूर्ण संसार में उसका कोई भी शत्रु नहीं होता है। यदि अपने अहम् को व्यक्ति को छोड़ देता है वह स्वतः ही दया भाव से परिपूर्ण हो जाता है। इस दोहे में कबीर दास जी कहते हैं कि अगर किसी व्यक्ति का मन शीतल है, तो दुनिया में कोई भी उसका दुश्मन नहीं बन सकता। जब मन शीतल होता है, तो व्यक्ति दूसरों के प्रति दयालु और करुणामय होता है। वह दूसरों की गलतियों को माफ कर देता है और उनके साथ प्रेम और सद्भावना से पेश आता है। ऐसे व्यक्ति से कोई भी दुश्मनी नहीं रखना चाहता।आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |
