पतंजलि हरीतकी चूर्ण के फायदे, उपयोग Benefits, uses of Patanjali Haritaki Churna
हरीतकी क्या है? What is Haritaki or Harad in Hindi?
हरीतकी को हम सभी सामान्य भाषा में हरड़ के नाम से जानते हैं जो की त्रिफला चूर्ण का एक घटक होता है। हरीतकी या हरड़ का वानस्पतिक नाम : Terminalia chebula (Gaertn.) Retz. (टर्मिनेलिया चेब्युला) है जिसे अंग्रेज़ी में Chebulic myrobalan (चेबुलिक मॉयरोबालान) कहते हैं।हरड़ के औषधीय गुणों के विषय में हमें आयुर्वेद के ग्रंथों से जानकारी प्राप्त होती है। हरीतकी का एक वृक्ष होता है जिसके फलों का उपयोग विभिन्न ओषधियों के निर्माण में किया जाता है। हरीतकी त्रिदोष नाशक होता है लेकिन प्रधान रूप से वात को कम करता है। हरड़ के गुण हैं की यह रूखी, गर्म, भूख बढ़ानेवाली, बुद्धि को बढ़ाने वाली, नेत्रों के लिए लाभकारी, आयु बढ़ाने वाली, शरीर को बल देने वाली, वात रोगों का नाश करने वाली होती है।आयुर्वेद में हरीतकी चूर्ण के फायदे Harad Benefits and Uses Ayurveda
- हरीतकी के सेवन से पाचन दुरुस्त होता है और कब्ज, अपच, गैस, आफरा आदि विकारों में लाभ मिलता है। कब्ज को दूर करने के अतिरिक्त हरीतकी चूर्ण के सेवन से आँतों की सफाई हो जाती है। आँतों में जमा मल शरीर से बाहर निकल जाता है।
- हरीतकी के सेवन से दस्त और पेचिश को रोकने में सहायता मिलती है।
- हरीतकी के सेवन से आखों की ज्योति में सुधार होता है क्योंकि यह शरीर को पोषण देता है।
- फेफड़ों के विकारों और स्वांस के अन्य विकारों यथा कफ/खांसी में लाभकारी है।हरीतकी में उष्णता का गुण होने के कारण यह फेफड़ों से सम्बंधित विकारों की रोकथाम में उपयोगी है।
- यह चूर्ण भूख वृद्धि करता है।
- अतिसार या दस्त की रोकथाम में हरीतकी चूर्ण लाभकारी है।
- हरीतकी चूर्ण अर्श या बवासीर में लाभ देता है।
- कामला या पीलिया विकार में हरीतकी चूर्ण को लोह भस्म के साथ लेने पर लाभ मिलता है।
- प्रमेह या डायबिटीज विकार में सुबह और शाम हरीतकी चूर्ण का सेवन हितकर होता है।
- अल्सर को घाव को सूखाने के लिए हरीतकी लाभकारी है।
- हरीतकी का उपयोग शोथ या सूजन को दूर करने के लिए किया जाता है।
- फंगल इंफेक्शन से बचाव में हरीतकी चूर्ण लाभकारी है।
- पेट की गैस को दूर करने के लिए हरीतकी चूर्ण लाभकारी है।
- अवांछित पदार्थो को बाहर निकाल कर हरीतकी शरीर की बढ़ी हुई चर्बी को दूर करने में सहायक है।
- हरीतकी रेचन यानि लैक्सटिव का गुण वाली होती है जिससे इसके सेवन से मोटापा दूर होता है।
- हरीतकी का कषाय रस बालों को पोषण देने वाला होता है।
पतंजलि आयुर्वेदा के अनुसार हरीतकी चूर्ण के लाभ
दिव्य हरीतकी चूर्ण हरीतकी या हरड़ से बनाया जाता है, जो विभिन्न पाचन संबंधी समस्याओं में लाभकारी है। हरड़, पाचन को सुधारने में मदद करता है, पाचन एंजाइमों के स्त्राव को बढ़ाता है। दिव्य हरीतकी चूर्ण उच्च त्वचा दाह को दूर करता है, पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाता है, कब्ज़ और बवासीर को रोकता है, और विषैले प्रदार्थों को शरीर से बाहर निकालता है और शरीर का शुद्धिकरण करता है। इसके अतिरिक्त, हरीतकी को सदियों से इसकी व्यापक गुणधर्मों के कारण उपयोग में लिया जाता है।
दिव्य हरितकी चूर्ण की खुराक Divya Haritaki Churna Doses
हरीतकी चूर्ण के सेवन से होने वाले साइड इफेक्ट Side effects of Harad Churna or Haritaki
हरीतकी चूर्ण के सेवन से कोई दुष्परिणाम नहीं होता है। लेकिन आपको इस चूर्ण का उपयोग करने से पूर्व चिकित्सक की सलाह अवश्य ही प्राप्त कर लेनी चाहिए।- पित्त की अधिकता वाले व्यक्ति को।
- गर्भवती स्त्री को।
- छोटे बच्चों को
पतंजलि हरीतकी चूर्ण का वात-पित्त या कफ प्रभाव
- वात कम करना।
- पित्त वृद्धि करना।
- कफ कम करना।
पतंजलि हरीतकी चूर्ण के आयुर्वेदिक गुण और कर्म
- रस (जीभ पर स्वाद): मधुर, अम्ल, कटु, तिक्त, कषाय
- गुण (फार्माकोलॉजिकल एक्शन): लघु, रुक्ष
- वीर्य (प्रभाव): उष्ण
- विपाक (पचाने के बाद परिणाम): मधुर
प्रधान कर्म / Primary Actions
- अनुलोमन: द्रव्य जो मल व् दोषों को पाक करके, मल के बंधाव को ढीला कर दोष मल बाहर निकाल दे। / Anuloman: Substance that promotes downward flow of bowel movements, loosens stools, and eliminates waste and toxins from the body.
- आमदोषहर: टोक्सिन दूर करे। / Aamdosha har: Removes toxins from the body.
- कफ नि:सारक: चिपके बलगम की चिपचिपाहट कम कर कफ को बाहर निकालने वाला। / Kapha nisharak: Reduces stickiness of phlegm, helping to expel it from the body.
- कफहर: द्रव्य जो कफ को कम करे। / Kaphahar: Substance that reduces excess phlegm.
- क्षुधावर्धक: द्रव्य जो भूख बढ़ाए। / Kshudhavardhak: Substance that increases appetite.
- दीपन: द्रव्य जो जठराग्नि तो बढ़ाये लेकिन आम को न पचाए। / Deepan: Stimulates digestive fire without aggravating Pitta.
- मूत्रल: द्रव्य जो मूत्र ज्यादा लाये। / Mutral: Diuretic, promotes urine formation.
- रक्तप्रसादक: रक्त परिसंचरण को बढ़ाने वाला। / Raktaprasadak: Enhances blood circulation.
- हृदय: हृदय को ताकत देने वाला। / Hriday: Strengthens heart and provides vitality throughout the day.
पतंजलि हरीतकी चूर्ण के घटक Ingredients of Haritaki Churna
हरीतकी चूर्ण का एकमात्र घातक हरड़/हरीतकी ही है।हरीतकी के प्रधान लाभ क्या हैं ?
- हरीतकी आफरे, पेट की गैस को दूर करती है। / Haritaki clears constipation.
- हरीतकी पाचन विकारों को दूर करने में लाभकारी है। / Haritaki is the most effective medicine used in digestive disorders.
- हरीतकी (Terminalia chebula) आयुर्वेद की रसायन औषधि है, जो शरीर को पोषण देती है। / Haritaki is a rejuvenating Ayurvedic medicine.
- हरीतकी पेट के कीड़ों को भी नष्ट कर आँतों को शुद्ध करने में सहायक है। / Haritaki also destroys intestinal worms.
- हरीतकी मूत्रल और दस्तावर होती है। / Haritaki is diuretic and antidiarrheal.
- हरीतकी सूजन /शोथ को दूर करने वाली ओषधि है। / Haritaki reduces swelling.
- हरीतकी, विरेचक, कषाय, और रसायन होती है। / Haritaki is laxative, astringent, and tonic.
- हरीतकी, विषाक्त पदार्थों को शरीर से निकालती है व अधिक वात को दूर करने में सहायक होती है/ Haritaki eliminates toxins from the body and balances excessive Vata.
पतंजलि हरीतकी चूर्ण के चिकित्सीय उपयोग Uses of Haritaki Churna
- अपच - Indigestion
- अफारा - Flatulence
- अरुचि - Anorexia
- अर्श - Piles
- उदररोग - Digestive diseases
- उदावर्ता - Gas
- कब्ज - Constipation
- कास - Cough
- गुल्म - Gulma
- जीर्णज्वर - Chronic fever
- तमक श्वास - Asthma
- पाइल्स - Piles
- पाण्डु - Jaundice
- प्रमेह - Prameha
- फिस्टुला - Fistula
- विबन्ध - Constipation
- विषमज्वर - Intermittent fever
- शोथ - Inflammation
- हृदयरोग - Heart diseases
- इसे सूखी जगह में स्टोर करें। / Store in a dry place.
- इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें। / Keep out of reach of children.
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The author of this blog, Saroj Jangir (Admin), is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me, shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has presented Ayurvedic Knowledge and lifestyle recommendations in a simple and effective manner. Her aim is to guide readers towards a healthy life and to highlight the significance of natural remedies in Ayurveda.
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