कहै कबीर तजि भरत को नन्हा है कर पीव हिंदी मीनिंग Kahe Kabir Taji Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth Sahit
कहै कबीर तजि भरत को, नन्हा है कर पीव।तजि अहं गुरु चरण गहु, जमसों बाचै जीव॥
Kahe Kabir Taji Bharat Ko, Nanha Hai Kar Peev,
Taji Aham Guru Charan Gahu, Jamso Bache Jeev.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
कबीर साहेब का कथन है की भ्रम का त्याग कर दो और ज्ञान को सूक्ष्म रूप में धारण करो, नन्हा करके पीओ। अहम् को छोडकर गुरु चरणों में स्थान बनाओं। गुरु के चरणों में स्थान होने पर ही तुम यम से बच पाओगे।
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |