सब धरती कागज करूँ लिखनी सब बनराय हिंदी मीनिंग Sab Dharati Kagaj Karu Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth Sahit
सब धरती कागज करूँ, लिखनी सब बनराय।सात समुद्र की मसि करूँ, गुरु गुण लिखा न जाय॥
Sab Dharati Kagaj Karu, Lekhani Sab Banray,
Saat Samudra Ki Masi Karu, Guru Gun Likha Na Jay.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
सतगुरु की महिमा अनंत है, सतगुरु की अनंत है, समस्त धरती का कागज़ बनाकर समस्त जंगलों की लेखनी यदि बना ली जाय, सातों समुद्र की यदि स्याही बना ली जाय तो भी इश्वर के गुणों के बारे में वर्णन नहीं किया जा सकता है। गुरु की महिमा को शब्दों में वर्णन कर पाना संभव नहीं है। इस दोहे में गुरु के गुणों की अपरंपारता का वर्णन किया गया है। गुरु को ज्ञान का भंडार माना जाता है। वे हमें जीवन का सही मार्ग दिखाते हैं और हमें ज्ञान प्रदान करते हैं। गुरु के बिना हम अपने जीवन में कुछ भी नहीं कर सकते। इस दोहे में यह कहा गया है कि अगर हम सारी धरती को कागज, सारे जंगल को कलम और सातों समुद्रों को स्याही बनाकर गुरु के गुणों का वर्णन करने की कोशिश करें, तो भी हम उन्हें पूरी तरह से लिख नहीं पाएंगे। गुरु के गुणों की कोई सीमा नहीं है।
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |