म्हारा चारभुजानाथ मांगू जो तो सगलो दीजो
म्हारा चारभुजानाथ,
मांगू जो तो सगलो दीजो,
जोडू दोनों हाथ,
म्हारा चारभुजा रा नाथ,
म्हारा कोटड़ी रा श्याम,
मांगू जो तो सगलो दीजो,
जोडू दोनों हाथ।
रेबा ने तो बंगलो दिज,
और बगीचो साथ,
चुन चुन कलियां हार बनाऊं,
पहने दीनानाथ।
जीमबान लड्डू दीजो,
और जलेबी साथ,
घेवर तो मन ऐसो दीजो,
जाणे रबड़ी दार।
अन्न धन का भंडार दीजो,
मन दीजो मन मोटो,
आया गिया कि करूं चाकरी,
कदे न आव टोटो।
बेटो तो मन श्रवण दीजो,
बहु दीजो मन सयानी,
काली गोरी कुछ नहीं जाणू,
दीजो गुण वाली,
म्हारा चारभुजा रा नाथ,
म्हारा कोटड़ी रा श्याम,
मांगू जो तो सगलो दीज,
जोडू दोनों हाथ।
पोतो तो मन एसो दिजो,
जाने फूल गुलाब,
वैध डॉक्टर कुछ नहीं जाणू,
दीजो लंबा हाथ।
हाथा मेहंदी पावा मेहंदी,
मोतियन मांग भराय,
केसरिया को राज दीजो,
बैकुंठा में वास।
दशा ने तो ताव दीजो,
ग्यारस दिजो मौत,
बारस को मन दाग दीजो,
राम लखन की खाद।
तन मैं तो मन शक्ति दी जो,
नैना दी जो ज्योत,
इतनो होवे तो हामी भर जो,
नहीं तो दीजो मौत,
म्हारा चारभुजा रा नाथ,
म्हारा कोटड़ी रा श्याम,
मांगू जो तो सगलो दीज,
जोडू दोनों हाथ।
श्री चारभुजा नाथ की जय हो।
मांगू जो तो सगलो दीज...| charbhuja nath bhajan | mara charbhuja ra nath |bhajan|#new#krishna#bhakti
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