पतंजलि द्विय मेधा वटी के फायदे उपयोग सेवन विधि Patanjali Medha Vati Fayde Upyog Sevan Vidhi
मेधा वटी के घटक Ingredients of Divya Medha Vati दिव्य मेधा वटी में इस्तेमाल होने वाली सामग्री
- वच सत्त 54.6 मिलीग्राम
- प्रवाल पिष्टी – 17 मिलीग्राम
- मोती पिष्टी – 11.25 मिलीग्राम Mukta Pishti (Mukta Pishti)
- ब्राह्मी सत्त 11.25 मिलीग्राम Brahmi (Bacopa Monnieri)
- गाजवाँ 17 मिलीग्राम Gajwa (Onosma Bracteatum)
- शंखपुष्पी सत्त 11.25 मिलीग्राम
- जहरमोहरा पिष्टी – 19.3 मिलीग्राम Jaharmohra Pishti (Jaharmohara Pishti)
- उस्तेखदूस 43.7 मिलीग्राम Ustekhaddusa (Lavandula Stoechas)
- वच 43.7 मिलीग्राम Baalbach (Iris Germanica)
- सौंफ 19.2 मिलीग्राम Sounf (Foeniculum Vulgare)
- जटामांसी 43.7 मिलीग्राम
- शंखपुष्पी 54.7 मिलीग्राम Shankhpushpi (Convolvulus Pluricaulis)
- ज्योतिष्मती सत्त 43.7 मिलीग्राम
- अश्वगंधा 43.7 मिलीग्राम Ashwagandha (Withania Somnifera)
- ब्राह्मी 54.7 मिलीग्राम
- मालकांगनी 43.7 मिलीग्राम Malkangani (Celastrus Paniculatus)
- Ghodbach (Acorus Calamus)
- Pushakarmool (Inula Recemosa)
- Shankhpushpi (Convolvulus Pluricaulis)
- Shuddhabach (Acorus Calamus)
- Ashwagandha (Withania Somnifera)
- Malkangani (Celastrus Paniculatus)
- Shatavar (Asparagus Racemosus)
- Sugandhbala (Valeriana Wallchii)
- Praval Pishti (Praval Pishti)
- Gum Acacia
- Aerosil
- Talcum
पतंजलि दिव्य मेधा वटी एक्स्ट्रा पावर के फायदे Patanjali Divya Medha Vati Extra Power Benefits
- मेधा वटी के घटक सरदर्द को दूर करने में सहायक हैं. आहार विहार में ध्यान ना देना, अत्यधिक तनाव, अवसाद के कारण सरदर्द होने लगता है। ऐसे में इस ओषधि से सरदर्द से आराम मिलता है।
- आर्थिक दबाव और जीवन शैली की अनियमितता के कारण हम अक्सर छोटी छोटी बातें भूलने लगते हैं। ऐसे में मेधा वटी के सेवन से याददास्त शक्ति में सुधार होता है।
- पतंजलि मेधा वटी अनिंद्रा विकार को दूर करती है और रात्री में भरपूर नींद को बढ़ाती है।
- मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर जिसके कारण से मिर्गी के दौरे पड़ते हैं, जिसमें बेहोशी आने लगती है. ऐसे में वैद्य की सलाह के उपरान्त मिर्गी रोग में आप इस ओषधि का सेवन करें तो लाभ मिलता है।
- मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी यह ओषधि लाभकारी है। यह तनाव दूर कर चिडचिडे स्वभाव को ठीक करती है।
- उम्र बढ़ने या बीमारी के कारण होने वाली स्मृति हानि में भी लाभदायक है।
- माइग्रेन के कारण होने वाले दर्द में इसके सेवन से राहत मिलती है।
- पतंजलि दिव्य मेधा वटी को ब्रेन टॉनिक के रूप में कार्य करता है जिससे स्मृति तेज होती है और निर्णय लेने में व्यक्ति घबराता नहीं है।
- यह ओषधि मस्तिष्क की एकाग्रता को बढ़ाती है और स्टूडेंट्स के लिए एक ब्रेन टॉनिक है।
पतंजलि दिव्य मेधा वटी का सेवन कैसे करें /सेवन विधि How to Use Patanjali Medha Vati
सामान्य रूप से भोजन के उपरान्त नित्य दो वटी का सेवन करना उचित है लेकिन पुनः सलाह है की आप इस बाबत वैद्य की सलाह अवश्य ही प्राप्त कर लें lपतंजलि दिव्य मेधा वटी के नुकसान Patanjali Medha vati Side Effects
वैसे तो पतंजली द्विय मेधा वटी के कोई ज्ञात दुष्परिणाम नहीं हैं, लेकिन फिर ही इस ओषधि के सेवन से पूर्व वैद्य से सलाह अवश्य प्राप्त कर लें। निर्धारित मात्रा से अधिक का सेवन ना करें और छोटे बच्चों को इस ओषधि को ना दें।पतंजलि दिव्य मेधा वटी कीमत Patanjali Divya Medha Vati Price
पतंजलि दिव्य मेधा वटी अकी कीमत रु. 120 टैबलेट के लिए 250 है जो परिवर्तनीय है। नवीनतम जानकारी के लिए आप पतंजली की अधिकृत वेबसाइट पर विजिट करेंलिंक - Divya Medha Vati - Extra Power
अवसाद से कैसे बचें
वर्तमान समय में अवसाद और चिंता हो जाना एक आम बात है। लेकिन हम अपने जीवन को संयमित करके अवसाद और चिंता से बच सकते हैं। आप निम्न बिंदुओं पर अवश्य ही ध्यान दें -- सुबह सही समय पर उठे और सुबह की सैर करें।
- अपने पाचन क्रिया पर विशेष ध्यान दें और आहार विहार को शुद्ध रखें।
- धूम्रपान और शराब का सेवन नहीं करें।
- आज का काम आज ही करें, उसे कल पर नहीं छोड़े।
- अत्यधिक शारीरिक और मानसिक मेहनत नहीं करें।
- अपने विचारों पर ध्यान रखें योग करें और मानसिक रूप से सशक्त बनें।
- पतंजलि दिव्य मेधा वटी के सेवन से घबराहट (Anxiety) दूर होती है।
पतंजलि मेधा वटी के उपयोग
- Memory Booster (याददाश्त बढ़ाने वाला): Enhances memory.
- Antioxidant (शरीर में ऑक्सीडेशन को रोकने वाला): Prevents oxidation in the body.
- Adaptogenic (तनाव के कारकों को कम करने वाला): Reduces stressors.
- Sedative (आरामदायक): Provides relaxation and aids in better sleep.
- Anti-depressant (डिप्रेसन से बचाव करने वाला): Helps in preventing depression.
- Anxiolytic (चिंता से मुक्ति प्रदान करने वाला): Provides relief from anxiety.
- Neuroprotective (न्यूरोप्रोटेक्टिव): Supports the nervous system.
- Carminative (गैस समस्याओं का निवारण करने वाला): Alleviates gas-related issues.
- Stomachic (भूख में बढ़ोतरी करने वाला): Increases appetite.
- Anti-stress (स्ट्रेस कम करने वाला): Reduces stress.
- Anti-inflammatory (सूजन कम करने वाला): Reduces inflammation.
दिव्य मेधा वटी के बारे में पूछे गये सवाल Divya Medha Vati frequently asked question
प्रश्न 1: क्या पतंजलि मेधा वटी का सेवन स्तनपान के दौरान किया जा सकता है?
उत्तर: नहीं, स्तनपान के दौरान पतंजलि मेधा वटी का सेवन नहीं करना चाहिए, इस दवा का सेवन करना चाहती हैं, तो अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।
प्रश्न 2: क्या पतंजलि मेधा वटी को खाली पेट लिया जा सकता है?
उत्तर: नहीं, पतंजलि मेधा वटी को खाली पेट नहीं लेना चाहिए. इससे पेट में जलन और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसे हमेशा भोजन के बाद ही लें।
प्रश्न 3: क्या गर्भावस्था में पतंजलि मेधा वटी का सेवन सुरक्षित है?
उत्तर: गर्भावस्था के दौरान पतंजलि मेधा वटी का सेवन केवल डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।
प्रश्न 4: क्या पतंजलि मेधा वटी लेने के बाद गाड़ी चलाना सुरक्षित है?
उत्तर: नहीं, पतंजलि मेधा वटी लेने के बाद गाड़ी चलाना सुरक्षित नहीं है. यह दवा नींद, चक्कर आना, ध्यान केंद्रित करने में कमी और सिरदर्द जैसी समस्याएं पैदा कर सकती है, जो गाड़ी चलाते समय खतरनाक हो सकती हैं।
प्रश्न 5: क्या पतंजलि मेधा वटी लेने से इसकी आदत लग सकती है?
उत्तर: नहीं, यदि आप डॉक्टर के निर्देशानुसार इसका सेवन करते हैं, तो पतंजलि मेधा वटी की आदत नहीं लगती है. यह एक नशीली दवा नहीं है।
The author of this blog, Saroj Jangir (Admin),
is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a
diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me,
shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak
Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from
an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has
presented Ayurvedic Knowledge and lifestyle recommendations in a simple
and effective manner. Her aim is to guide readers towards a healthy life
and to highlight the significance of natural remedies in Ayurveda.
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