सज्जन सो सज्जन मिले होवे दो दो बात हिंदी मीनिंग Sajjan So Sajjan Mile Meaning

सज्जन सो सज्जन मिले होवे दो दो बात हिंदी मीनिंग Sajjan So Sajjan Mile Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi arth/Bhavarth Sahit

सज्जन सो सज्जन मिले, होवे दो दो बात |
गदहा सो गदहा मिले, खावे दो दो लात ||
 
सज्जन सो सज्जन मिले होवे दो दो बात हिंदी मीनिंग Sajjan So Sajjan Mile Meaning

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

कबीर जी के इस दोहे का भावार्थ
जब सतजन अपने समान अच्छे व्यक्तियों से मिलता है तो वह गुणों की ही बात करता है अच्छी बात करता है। जब गधे/मूर्ख से मूर्ख व्यक्ति मिलता है तो वे झगड़ने लगते हैं जैसे की दो गधे आपस में लात चलाते हैं। कबीर साहेब कहते हैं कि सज्जन व्यक्ति की सज्जन व्यक्ति से बनती है और वे आपस में अच्छी बातें करते हैं, ज्ञान की बातें करते हैं  लेकिन गधे से गधा मिलता है तो अच्छी बात न होकर दो-दो लात वे एक दूसरे को मारते हैं और ऐसे ही मूर्ख व्यक्ति मायाजनित व्यवहार में ही लगे रहते हैं। अतः संगती का विशेष प्रभाव होता है।  

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