साखी शब्द बहुतक सुना मीनिंग

साखी शब्द बहुतक सुना हिंदी मीनिंग

साखी शब्द बहुतक सुना, मिटा न मन का मोह |
पारस तक पहुँचा नहीं, रहा लोह का लोह ||
 
Sakhi Shabad Bahutak Suna, Mita Na Man Ka Moh,
Paras Tak Panhucha Nahi, Raha Loh Ka Loh.
 
साखी शब्द बहुतक सुना हिंदी मीनिंग Sakhi Bahutak Suna Hindi Meaning : kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth Sahit
 

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग अर्थ/भावार्थ

 प्रस्तुत दोहे में कबीर साहेब संगती के महत्त्व को स्थापित करते हुए वाणी देते हैं की पारस की संगति लोहे से होने से ही वह सोने में तब्दील होता है। साखी सुनने से/शब्द सुनने से मन का मोह नहीं मिट पाता हैं क्यों की हम गुरु के सानिध्य तक नहीं पहुँच पाते हैं। अतः ज्ञान को अपने जीवन में उतारने से ही कल्याण सम्भव है। 

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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