मालिक इतना दीजिए
जो लेना दुनिया का लेना,
जो देना दुनिया को देना,
फिर काहे की होड़ लगी है,
क्या तेरा और क्या है मेरा,
कुछ नहीं जाना साथ किसी के,
प्रभु से बस यही बोल।
मालिक इतना दीजिए,
जा में कुटुंब समाय,
मैं भी भूखा ना रहूं,
साधु न भूखा जाय।
इतनी बड़ी चादर देना दाता,
जिसमें पांव छुपा पाऊं,
बोझ मुझे उतना देना के,
जिसका वजन उठा पाऊं,
हर क्षण तेरा जाप करूं मैं,
बोलूं तेरे बोल।
मन में तृष्णा न रहे ज्यादा,
मुझ में कुछ भी पाने की,
एक बिस्तर हो सोने का,
और दो रोटी हो खाने की,
तेरी धुनी रमाऊं दाता,
चक्षु ज्ञान के खोल।
मालिक इतना दीजिए | Malik Itna Dijiye | Sonu Singh, Pradeep Bhatra & Supriti Sharma | Sai Baba Song
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