मालिक इतना दीजिए भजन
मालिक इतना दीजिए भजन
जो देना दुनिया को देना,
फिर काहे की होड़ लगी है,
क्या तेरा और क्या है मेरा,
कुछ नहीं जाना साथ किसी के,
प्रभु से बस यही बोल।
मालिक इतना दीजिए,
जा में कुटुंब समाय,
मैं भी भूखा ना रहूं,
साधु न भूखा जाय।
इतनी बड़ी चादर देना दाता,
जिसमें पांव छुपा पाऊं,
बोझ मुझे उतना देना के,
जिसका वजन उठा पाऊं,
हर क्षण तेरा जाप करूं मैं,
बोलूं तेरे बोल।
मन में तृष्णा न रहे ज्यादा,
मुझ में कुछ भी पाने की,
एक बिस्तर हो सोने का,
और दो रोटी हो खाने की,
तेरी धुनी रमाऊं दाता,
चक्षु ज्ञान के खोल।
मालिक इतना दीजिए | Malik Itna Dijiye | Sonu Singh, Pradeep Bhatra & Supriti Sharma | Sai Baba Song
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Starcast : Sonu Singh. Pradeep Bhatra & Supriti Sharma
Singers : Sonu Singh
Lyrics : Sameer Anjaan
Music Composer : Prini Siddhant Madhav
साईं बाबा की भक्ति में डूबा मन इस सुंदर भजन के जरिए सांसारिक लालच और होड़ को छोड़ने की राह पाता है। यह भजन मन को समझाता है कि दुनिया का कुछ भी साथ नहीं जाता, इसलिए प्रभु से बस उतना ही मांगो, जितना कुटुंब के लिए काफी हो और साधु-संतों का पेट भर जाए। साईं की कृपा से ऐसी चादर मिले, जिसमें मन का हर बोझ समा जाए, और इतना हल्का हो कि उसे उठाना आसान हो। मन की तृष्णा को थामकर, बस एक बिस्तर और दो रोटी की चाह रखने वाला मन साईं की धुनी में रम जाता है। हर पल उनका नाम जपते हुए, उनकी ही बातें बोलते हुए, मन ज्ञान की रोशनी पाता है और सच्ची शांति प्राप्त करता है।
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