चेला वही चीज लाना रे गुरु ने मंगाई

चेला वही चीज लाना रे गुरु ने मंगाई

 
चेला वही चीज लाना रे गुरु ने मंगाई लिरिक्स Chela Vahi Cheej Lana Re Bhajan Lyrics

गुरु गोविंद की जय हो,
चेला वही चीज लाना रे,
गुरु ने मंगाई,
चेला वही चीज लाना रे,
गुरु ने मंगाई।

पहली भिक्षा अन्न कि लाना,
नगर बस्ती नहीं जाना,
चलती चक्की छोड़ के आना,
झोली भर भर लाना रे,
गुरु ने मंगाई,
चेला वही चीज लाना रे,
गुरु ने मंगाई।

दूजी भिक्षा जल की लाना,
कुआं नदी नहीं जाना,
बहता पानी छोड़ के आना,
कमंडल भर भर लाना रे,
गुरु ने मंगाई,
चेला वही चीज लाना रे,
गुरु ने मंगाई।

तिजी भिक्षा लकड़ी लाना,
जंगल जंगल नहीं जाना,
आली सुखी छोड़ के आना,
गट्ठर बांध बांध लाना रे,
गुरु ने मंगाई,
चेला वही चीज लाना रे,
गुरु ने मंगाई।

चौथी भिक्षा अग्नि लाना,
चूल्हा भट्टी नहीं जाना,
जलती लकड़ी छोड़के आना,
चिमटा भर भर लाना रे,
गुरु ने मंगाई,
चेला वही चीज लाना रे,
गुरु ने मंगाई।

कहत कबीरा सुनो भाई साधु,
गुरु चरणों में जाना,
गुरु चरणों में अटल खजाना,
झोली भर भर लाना रे,
गुरु ने मंगाई,
चेला वही चीज लाना रे,
गुरु ने मंगाई।


सत्संग भजन : चेला वही चीज लाना रे गुरु ने मंगाई | सतगुरु भजन | भजन कीर्तन | गुरू और चेला


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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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