ओ पापी मन करले भजन लिरिक्स O Papi Man Karle Bhajan
ओ पापी मन करले भजन,
मौका मिला है तो करले जतन,
ओ पापी मन करले भजन,
मौका मिला है तो करले जतन,
बाद में प्यारे पछतायेगा जब,
पिंजरे से पंछी निकल जायेगा।
चार दिनों का है जग का मेला,
कोई ना साथी संगी अकेला,
जैसा तू आया जग में,
वैसा ही तू जायेगा,
मुट्ठी बांध के आया जग में,
हाथ पसारे जायेगा,
हो बाद में प्यारे पछतायेगा जब,
पिंजरे से पंछी निकल जायेगा।
भाई बंध कुटुंब कबीला,
ये तो जग का झूठा झमेला,
मरने के बाद तुझे आग में जलायेंगे,
तेरह दिनों का तेरा मातम मनायेंगे,
बाद में प्यारे पछतायेगा जब,
पिंजरे से पंछी निकल जायेगा।
राम नाम का सुमिरण करले,
रामजी का नाम प्यारे घट में धर ले,
रामजी का नाम प्यारे काम तेरे आयेगा,
जीवन मरण से तू मुक्ति पा जायेगा,
बाद में प्यारे पछतायेगा जब,
पिंजरे से पंछी निकल जायेगा।
ओ पापी मन | मन करले भजन | बाद में प्यारे पछतायेगा | एक दम नया भजन | श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज
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Author - Saroj Jangir
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