तेरे भक्त करे मनुहार आजा शेर पे होके सवार
तेरे भक्त करे मनुहार आजा शेर पे होके सवार
(मुखड़ा)
तेरे भक्त करें मनुहार,
आजा शेर पे होके सवार,
माँ दुर्गा भवानी,
हे जग कल्याणी,
दे दे दर्शन तू इक बार,
तेरे भक्त करें मनुहार,
आजा शेर पे होके सवार।।
(अंतरा 1)
आए पावन नवरात्रे माँ,
अम्बे रानी तुम हो कहाँ,
धूम मची है नाम की तेरे,
सज गया है मंडप तेरा माँ।
सजा सुंदर तेरा दरबार,
आजा शेर पे होके सवार,
तेरे भक्त करें मनुहार,
आजा शेर पे होके सवार।।
(अंतरा 2)
माँ होकर अपने बच्चों को,
क्यों माँ इतना सताती हो,
आ भी जाओ, आने में,
इतना क्यों देर लगाती हो।
सुनके बच्चों की करुण पुकार,
आजा शेर पे होके सवार,
तेरे भक्त करें मनुहार,
आजा शेर पे होके सवार।।
(अंतरा 3)
छोड़ के धरती, ऊँचे पर्वत,
तूने बनाया क्यों डेरा,
शेरावाली हमको बता दे,
ये कैसा इंसाफ तेरा।
दिल मिलने को है बेकरार,
आजा शेर पे होके सवार,
तेरे भक्त करें मनुहार,
आजा शेर पे होके सवार।।
(अंतरा 4)
मोहनी सूरत देख तुम्हारी,
‘कुंदन’ जीवन जाए संवर,
प्यास बुझा दे इन अखियों की,
कर दे कृपा ‘संजय’ पर।
करे भक्त तेरा दीदार,
आजा शेर पे होके सवार,
तेरे भक्त करें मनुहार,
आजा शेर पे होके सवार।।
(अंतिम पुनरावृत्ति)
तेरे भक्त करें मनुहार,
आजा शेर पे होके सवार,
माँ दुर्गा भवानी,
हे जग कल्याणी,
दे दे दर्शन तू इक बार,
तेरे भक्त करें मनुहार,
आजा शेर पे होके सवार।।
तेरे भक्त करें मनुहार,
आजा शेर पे होके सवार,
माँ दुर्गा भवानी,
हे जग कल्याणी,
दे दे दर्शन तू इक बार,
तेरे भक्त करें मनुहार,
आजा शेर पे होके सवार।।
(अंतरा 1)
आए पावन नवरात्रे माँ,
अम्बे रानी तुम हो कहाँ,
धूम मची है नाम की तेरे,
सज गया है मंडप तेरा माँ।
सजा सुंदर तेरा दरबार,
आजा शेर पे होके सवार,
तेरे भक्त करें मनुहार,
आजा शेर पे होके सवार।।
(अंतरा 2)
माँ होकर अपने बच्चों को,
क्यों माँ इतना सताती हो,
आ भी जाओ, आने में,
इतना क्यों देर लगाती हो।
सुनके बच्चों की करुण पुकार,
आजा शेर पे होके सवार,
तेरे भक्त करें मनुहार,
आजा शेर पे होके सवार।।
(अंतरा 3)
छोड़ के धरती, ऊँचे पर्वत,
तूने बनाया क्यों डेरा,
शेरावाली हमको बता दे,
ये कैसा इंसाफ तेरा।
दिल मिलने को है बेकरार,
आजा शेर पे होके सवार,
तेरे भक्त करें मनुहार,
आजा शेर पे होके सवार।।
(अंतरा 4)
मोहनी सूरत देख तुम्हारी,
‘कुंदन’ जीवन जाए संवर,
प्यास बुझा दे इन अखियों की,
कर दे कृपा ‘संजय’ पर।
करे भक्त तेरा दीदार,
आजा शेर पे होके सवार,
तेरे भक्त करें मनुहार,
आजा शेर पे होके सवार।।
(अंतिम पुनरावृत्ति)
तेरे भक्त करें मनुहार,
आजा शेर पे होके सवार,
माँ दुर्गा भवानी,
हे जग कल्याणी,
दे दे दर्शन तू इक बार,
तेरे भक्त करें मनुहार,
आजा शेर पे होके सवार।।
नवरात्रि स्पेशल भजन | SHER PE HO KE SAWAR | SANJAY PAREEK | Shyamal Bhakti 2020
श्याम जगत भक्ति चैनल द्वारा प्रस्तुत यह नवरात्रि स्पेशल भजन "SHER PE HO KE SAWAR" माँ दुर्गा की महिमा का एक अद्भुत गीत है, जिसे सुप्रसिद्ध गायक संजय परीक जी ने अपनी मधुर आवाज़ से सजाया है। यह भजन कुंदन अकेला जी के लेखन में माँ के शेर पर सवार रूप की भव्यता को दर्शाता है। 2020 में रिलीज़ हुए इस नए माता जी भजन में भक्ति और ऊर्जा का अनूठा संगम