अबरन कौं का बरनिये मोपै लख्या न जाइ हिंदी मीनिंग Abaran Ko Ka Baraniye Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth Hindi
अबरन कौं का बरनिये, मोपै लख्या न जाइ।अपना बाना वाहिया, कहि कहि थाके माइ॥
Abaran Ko Ka Barniye, Mope Lakhya Na Jaai,
Apna Bana Vahiya, Kahi Kahi Thake Mai.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
कबीर इस दोहे में सन्देश देते हैं की ईश्वर को शब्दों से परे हैं, उसका क्या वर्णन किया जाय तो वर्णन से भी पार है। मैं उसे कैसे देखूँ जो देखने के लिए मेरी आँखें ही सक्षम नहीं हैं । सबने अपना-अपना ही बाना पहनाया उसे, और कह-कहकर थक गया उनका अन्तर, यही ईश्वर की माया है।
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