फागुन की ये मस्ती Fagun Ki ye Masti Bhajan Lyrics
फागुन की ये मस्ती,
कुछ ऐसे बरस रही है,
कुछ और ही कहना चाहूं,
जय श्रीश्याम ही निकल रही है।
खाटू नगरी जो भी जाये,
खाली हाथ ना आये,
जो लौट लौट कर आये,
वह जय श्रीश्याम ही गाये,
श्याम कृपा से मेरी,
ये हस्ती बदल रही है,
कुछ और ही कहना चाहूं,
जय श्रीश्याम ही निकल रही है।
खाटू की पावन गलियों में,
गूंज रहा जयकारा,
कहते है प्रेमी इनको,
हारे का श्याम सहारा,
श्याम दर्श को मेरी ये,
अंंखियां तरस रही है,
कुछ और ही कहना चाहूं,
जय श्रीश्याम ही निकल रही है।
फागुन आया फागुन आया,
साथ में खुशियां लाया,
खुश होकर राम श्याम ने,
बाबा को भजन सुनाया,
खाटू में आकर के सारी,
दुनिया झूम रही है,
कुछ और ही कहना चाहूं,
जय श्रीश्याम ही निकल रही है।
फागुन की ये मस्ती,
कुछ ऐसे बरस रही है,
कुछ और ही कहना चाहूं,
जय श्रीश्याम ही निकल रही है।
Fagun Ki Masti | Ram & Shyam | Rasila Infotainment
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Song :- Fagun Ki Masti
Music :- Pramod & Prakash
Lyrics :- Ram & Shyam
Singers :- Ram & Shyam
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