जाति न पूछो साधु की पूछ लीजिए ज्ञान हिंदी मीनिंग
जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिए ज्ञान ।
मोल करो तलवार का, पड़ा रहन दो म्यान ॥
Jati Na Puchho Sadhu Ki Pooch Lijiye Gyan,
Mol Karo Talvar Ka, Pada Rahan Do Myan.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग
साधु की जाती / धर्म के विषय में कभी नहीं पूछना चाहिए, साधू की जाति / धर्म का कोई महत्त्व नहीं होता है, साधू के ज्ञान का ही महत्त्व होता है। तलवार का मोल करना चाहिए, उसकी म्यान का कोई मूल्य नहीं होता है। आशय है की साधू किस देस, धर्म सम्प्रदाय या जाति का है इससे कोई अंतर नहीं पड़ता है, यह महत्वहीन है। साधू के ज्ञान का ही महत्त्व होता है। साधू के ज्ञान के महत्त्व को स्थापित करते हुए साहेब ने इस दोहे में अच्छा सन्देश दिया है। कबीर दास जी ने इस दोहे में जाति और ज्ञान के बीच एक अंतर बताया है। वे कहते हैं कि किसी की जाति से उसके ज्ञान का कोई लेना-देना नहीं होता। एक साधु का मूल्य उसके ज्ञान के आधार पर होना चाहिए, न कि उसकी जाति के आधार पर।आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
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