निंदक नियरे राखिए आंगन कुटी छवाय हिंदी मीनिंग Nindak Niyare Rakhiye Meaning

निंदक नियरे राखिए आंगन कुटी छवाय हिंदी मीनिंग Nindak Niyare Rakhiye Meaning : kabir Ke Dohe Hindi Arth/ Bhavarth Sahit

निंदक नियरे राखिए, आंगन कुटी छवाय।
बिन पानी, साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय।
 
Nindak Niyare Rakhiye, Aangan Kuti Chhavay,
Bin Pani Sabun Bin, Nirmal Kare Subhay.
 
निंदक नियरे राखिए आंगन कुटी छवाय हिंदी मीनिंग
 

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

निंदक व्यक्ति को अपने समीप रखना चाहिए जैसे की आंगन के समक्ष कुटिया के पास वृक्ष की छाया रखनी चाहिए। निंदक व्यक्ति बिना पानी और साबुन के व्यक्ति के मेल रूपी अवगुण को दूर कर देता है। आशय है की प्रशंसा करने वाले व्यक्ति के स्थान पर हमें ऐसे व्यक्ति को अपने समीप रखना चाहिए जो हमें स्वंय की बुराइयों के प्रति सचेत करे। कबीर दास जी के इस दोहे का अर्थ यही है। वे कहते हैं कि हमें अपने निंदकों को हमेशा अपने पास रखना चाहिए। वे बिना किसी चीज की मांग किए हमें और बेहतर बनाते हैं।

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