मैं तो उगतड़े प्रभात सूरजमल जोड़ूं दोनों हाथ
मैं तो उगतड़े प्रभात,
सूरजमल जोड़ूं दोनों हाथ,
मैं तो उगतड़े प्रभात,
सूरजमल जोड़ूं दोनों हाथ।
घर मिलो तो ऐसे मिलजो,
सामी सूरज पाल,
मैं तो उगतड़े प्रभात,
सूरजमल जोड़ूं दोनों हाथ।
पति मिले तो ऐसे मिलजो,
जन्म जन्म रो साथ,
मैं तो उगतड़े प्रभात,
सूरजमल जोड़ूं दोनों हाथ।
बेटा मिले तो ऐसा मिलजो,
नित उठ करूं मैं बात,
मैं तो उगतड़े प्रभात,
सूरजमल जोड़ूं दोनों हाथ।
बहु मिले तो ऐसी मिलजो,
नित उठ पूरसे थाल,
मैं तो उगतड़े प्रभात,
सूरजमल जोड़ूं दोनों हाथ।
बेटी मिले तो ऐसी मिलजो,
हजारी गुल रा फुल,
मैं तो उगतड़े प्रभात,
सूरजमल जोड़ूं दोनों हाथ।
नदी रे किनारे खेत मिलजो,
गंगा माई रो घाट,
मैं तो उगतड़े प्रभात,
सूरजमल जोड़ूं दोनों हाथ।
बाजरी रो बटीयो मिलजो,
ग्वार फली रो साग,
मैं तो उगतड़े प्रभात,
सूरजमल जोड़ूं दोनों हाथ।
गंगा रे धोरे मौत मिलजो,
रामचंद्र जी री कांध,
मैं तो उगतड़े प्रभात,
सूरजमल जोड़ूं दोनों हाथ।
सूरज भगवान का भजन मारवाड़ी। मैं तो उगते प्रभात, सूरजमल जोडु़ दोनु हाथ.. Marwari bhajan
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