वैकुंठा सु उतरिया भगवान लिरिक्स Bekuntha Su Utariya Bhagwan Bhajan Lyrics

वैकुंठा सु उतरिया भगवान लिरिक्स Bekuntha Su Utariya Bhagwan Bhajan Lyrics

 
वैकुंठा सु उतरिया भगवान लिरिक्स Bekuntha Su Utariya Bhagwan Bhajan Lyrics

वैकुंठा सु उतरिया भगवान,
वन री अली रे गली,
आ वन माय ऊबी धोली गाय,
आंखिया मु आंसु पड़े।

तु क्युं रोवे गऊ मात,
सब दिन एकसा नहीं,
थारा जायोड़ा कमावे दिन रात,
धान रा कोटा भरिया।

थारो दुध पीवे ओ भगवान,
माय मिसरी री डली,
थारो माखण खावे ओ भगवान,
माय मिसरी री डली।

थारी छाछ पीवे ओ दुनिया सारी,
कि काया कलप होवे,
तु क्यूँ रोवे गऊ मात,
सब दिन एकसा नहीं।

थारा गौमुत्र छाँट दिराय,
धरती ऊतम होवे,
थारा गौबर सु गार निपाय,
धरती ऊतम होवे।
थारा घी सु होम/हवन कराय,
देवता प्रसन्न होवे,
तु क्यूँ रोवे गऊ मात।

वैकुंठा सु उतरिया भगवान,
वन री अली रे गली,
आ वन माय ऊबी धोली गाय,
आंखिया मु आंसु पड़े।


गौमाता का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यह बहुत ही सुंदर भजन सुनिए।


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