मेरे बृज के कण कण में Mere Brij Ke Kan Kan Me Bhajan Lyrics
मेरे बृज के कण कण में,
राधा नाम समाया है,
महसूस किया जिसने,
उसने ही पाया है,
मेरे बृज के कण कण में,
राधा नाम समाया है।
बृज रज के प्रेमी जो,
मेरी श्री जी के प्यारे हैं,
वो सर्वस्व लुटा बैठे,
सब श्री जी पे वारे हैं,
अंतर्मुखी नाम कमा,
नैनों से गाया है,
मेरे बृज के कण कण में,
राधा नाम समाया है।
राधा नाम की धारा में,
बृजवासी पलते हैं,
राधा नाम के सुनने को,
कान्हा भी मचलते हैं,
राधा राधा श्री राधा,
बांसुरी में गाया है,
मेरे बृज के कण कण में,
राधा नाम समाया है।
कालिंदी किनारों पे,
लहरों की तरंगों में,
राधा नाम सदा गूंजे,
कलि कुञ्ज निकुंजों में,
हर जड़ में चेतन में,
मेरी श्री जी की छाया है,
मेरे बृज के कण कण में,
राधा नाम समाया है।
संतों ने देखा है,
रसिकों ने पाया है,
गोपाली पागल जो,
ये रस उनको ही भाया है,
वही जान सका जिसको,
श्री जी ने जनाया है,
मेरे बृज के कण कण में,
राधा नाम समाया है।
इससे प्यारा भजन आज तक नहीं सुना होगा -मेरे बृज के कण कण में राधा नाम समाया है | Mere Brij | Bansuri
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