जिसका मेरे श्याम से लगाव हो गया
जिसका मेरे श्याम से लगाव हो गया
जिसका मेरे श्याम से,
लगाव हो गया,
दूर ज़िंदगी का,
हर अभाव हो गया,
नदी वो मिली है,
सागर में जा जरूर,
जिसका ठीक राह पे,
बहाव हो गया,
जिसका मेरे श्याम से,
लगाव हो गया,
दूर ज़िंदगी का,
हर अभाव हो गया।।
जिनको मेरे श्याम का सहारा है,
उनका मझधार ही किनारा है,
है जो भी प्रेमी मेरे बाबा का,
नहीं हिम्मत कभी वो हारा है,
हर हाल में खुश रहने का,
स्वभाव हो गया,
जिसका मेरे श्याम से,
लगाव हो गया,
दूर ज़िंदगी का,
हर अभाव हो गया।।
जो भी डूबे हैं श्याम मस्ती में,
लग जाए चार चाँद हस्ती में,
जो भी गुण सांवरे का गाते हैं,
उनके चर्चे हैं सारी बस्ती में,
ज़िंदगी में उनके,
बदलाव हो गया,
जिसका मेरे श्याम से,
लगाव हो गया,
दूर ज़िंदगी का,
हर अभाव हो गया।।
जिनको सेवा मिली है बाबा की,
अपनी किस्मत पे नाज़ करते हैं,
करके सेवा वो दीन दुखियों की,
श्याम के दिल पे राज करते हैं,
ऐसा श्याम भजनों का,
प्रभाव हो गया,
जिसका मेरे श्याम से,
लगाव हो गया,
दूर ज़िंदगी का,
हर अभाव हो गया।।
वो बड़े खुशनसीब होते हैं,
श्याम के जो करीब होते हैं,
जो भी है दूर मेरे बाबा से,
वो बड़े बदनसीब होते हैं,
जिनका ‘रोमी’ श्याम से,
अलगाव हो गया,
ज़िंदगी में उनके,
तनाव हो गया,
जिसका मेरे श्याम से,
लगाव हो गया,
दूर ज़िंदगी का,
हर अभाव हो गया।।
जिसका मेरे श्याम से,
लगाव हो गया,
दूर ज़िंदगी का,
हर अभाव हो गया,
नदी वो मिली है,
सागर में जा जरूर,
जिसका ठीक राह पे,
बहाव हो गया,
जिसका मेरे श्याम से,
लगाव हो गया,
दूर ज़िंदगी का,
हर अभाव हो गया।।
लगाव हो गया,
दूर ज़िंदगी का,
हर अभाव हो गया,
नदी वो मिली है,
सागर में जा जरूर,
जिसका ठीक राह पे,
बहाव हो गया,
जिसका मेरे श्याम से,
लगाव हो गया,
दूर ज़िंदगी का,
हर अभाव हो गया।।
जिनको मेरे श्याम का सहारा है,
उनका मझधार ही किनारा है,
है जो भी प्रेमी मेरे बाबा का,
नहीं हिम्मत कभी वो हारा है,
हर हाल में खुश रहने का,
स्वभाव हो गया,
जिसका मेरे श्याम से,
लगाव हो गया,
दूर ज़िंदगी का,
हर अभाव हो गया।।
जो भी डूबे हैं श्याम मस्ती में,
लग जाए चार चाँद हस्ती में,
जो भी गुण सांवरे का गाते हैं,
उनके चर्चे हैं सारी बस्ती में,
ज़िंदगी में उनके,
बदलाव हो गया,
जिसका मेरे श्याम से,
लगाव हो गया,
दूर ज़िंदगी का,
हर अभाव हो गया।।
जिनको सेवा मिली है बाबा की,
अपनी किस्मत पे नाज़ करते हैं,
करके सेवा वो दीन दुखियों की,
श्याम के दिल पे राज करते हैं,
ऐसा श्याम भजनों का,
प्रभाव हो गया,
जिसका मेरे श्याम से,
लगाव हो गया,
दूर ज़िंदगी का,
हर अभाव हो गया।।
वो बड़े खुशनसीब होते हैं,
श्याम के जो करीब होते हैं,
जो भी है दूर मेरे बाबा से,
वो बड़े बदनसीब होते हैं,
जिनका ‘रोमी’ श्याम से,
अलगाव हो गया,
ज़िंदगी में उनके,
तनाव हो गया,
जिसका मेरे श्याम से,
लगाव हो गया,
दूर ज़िंदगी का,
हर अभाव हो गया।।
जिसका मेरे श्याम से,
लगाव हो गया,
दूर ज़िंदगी का,
हर अभाव हो गया,
नदी वो मिली है,
सागर में जा जरूर,
जिसका ठीक राह पे,
बहाव हो गया,
जिसका मेरे श्याम से,
लगाव हो गया,
दूर ज़िंदगी का,
हर अभाव हो गया।।
जिसको मेरे श्याम से लगाव हो गया | Khatu Shyam Ji Bhajan | Sardar Romi Ji Popular Song
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Author - Saroj Jangir
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