तुम्हें उगता नहीं पसंद तो ढलता देख लो लिरिक्स Tumhe Ugta Nahi Pasand Song LYrics

तुम्हें उगता नहीं पसंद तो ढलता देख लो लिरिक्स Tumhe Ugta Nahi Pasand Song LYrics


तुम्हें उगता नहीं पसंद तो ढलता देख लो लिरिक्स Tumhe Ugta Nahi Pasand Song LYrics

तुम्हें उगता नहीं पसंद,
तो ढलता देख लो,
आग लगा डालो मुझे,
और जलता देख लो,
फिर ज़िंदा रहने को,
बदन मसलता देख लो,
आग लगा डालो मुझे,
और जलता देख लो।

मैं ऊब गया हूं दुनिया से,
अब सड़ गई है ये बेढंगी,
मेरे गाँव में सौ बंदे,
सब आपस में फ़िरंगी,
ये बामन है ये भंगी,
ये मुल्ला है ये संघी,
है सबके घर में तंगी,
फिर भी बने पड़े सब जंगी,
और वैसे रहते अलग थलग पर,
सारे मिलकर पेलेंगे,
जो बात करो तुम ढंग की,
जो बात करो तुम ढंग की,
मैं राज़ी हूं मेरा मन भी है,
मेरे मन में एक घुटन भी है,
और घर में तेल का पीपा भी है,
तीली भी है रोगन भी है,
(रोगन : माचिस का,
वो पार्ट जहां से,
तीली जलायी जाती है),
चलो एक और बंदर को,
उछलता देख लो,
आग लगा डालो मुझे,
और जलता देख लो।

मैंने रुक कर सड़क किनारे,
जंगली फूल भी सूंघे हैं,
फिर मन चाहा तो कुचल दिया,
क्या कर लेते वो गूंगे हैं,
कभी कभी उन फूलों से मैं,
राख भरे हुए चूल्हों सा मैं,
झूठों की दुनिया में लड़ती,
सच्चाई के कूल्हों सा मैं,
जिन पर कोई भी चढ़ जाए उन,
पब्लिक पार्क के झूलों सा मैं,
चलो एक और मुद्दे को,
तुम टलता देख लो,
आग लगा डालो मुझे,
और जलता देख लो,
तुम्हें उगता नहीं पसंद,
तो ढलता देख लो,
आग लगा डालो मुझे,
और जलता देख लो,
- राहगीर


Jalta Dekh Lo by Rahgir | जलता देख लो - राहगीर का नया गाना


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Song Credits :
Lyricist, Singer : Rahgir
Directed by : Shyam Babu


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