धनतेरस के दिन हिंदू धर्म में भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देव की पूजा का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन इन देवताओं की पूजा से जीवन में सुख-समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है। धनतेरस के अवसर पर आर्थिक कठिनाइयों से मुक्ति पाने के लिए पूजा-अर्चना की जाती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह पर्व कार्तिक माह की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। इस साल 2025 में धनतेरस 18 अक्टूबर को मनाई जा रही है। यदि आप इस दिन व्रत कर रहे हैं, तो इस व्रत कथा का पाठ अवश्य करें।

धनतेरस व्रत कथा 2025 Dhanteras Vrat Kahani
प्राचीन कथाओं के अनुसार, एक बार भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण कर रहे थे। तभी भगवान विष्णु दक्षिण दिशा में किसी कार्य के लिए गए और माता लक्ष्मी से वहीं रुकने को कहा। इसके कुछ समय बाद, माता लक्ष्मी ने पास के एक गन्ने के खेत से गन्ना तोड़कर उसका रस चूसना शुरू कर दिया। जब भगवान विष्णु ने यह देखा, तो वह क्रोधित हो गए और माता लक्ष्मी को श्राप दे दिया कि उन्हें उस किसान के घर 12 वर्षों तक सेवा करनी होगी, जिसके खेत से उन्होंने गन्ना तोड़ा था।
माता लक्ष्मी को इस श्राप के कारण किसान के घर 12 साल तक रहना पड़ा। उनके इस उपस्थिति से वह किसान धन-धान्य और समृद्धि से संपन्न हो गया। 12 साल पूरे होने पर भगवान विष्णु माता लक्ष्मी को लेने पहुंचे, लेकिन लक्ष्मी जी ने किसान के घर लौटने का मन बना लिया था। तब भगवान विष्णु ने किसान से गंगा स्नान कर गंगा में कौड़ियां अर्पण करने का आग्रह किया और कहा कि ऐसा करने से उनकी कृपा सदैव बनी रहेगी।
धनतेरस की पौराणिक कथा Dhanteras Ki Poranik Katha
एक प्राचीन कथा के अनुसार, एक बार यमराज ने अपने यमदूतों से पूछा कि क्या कभी किसी व्यक्ति के प्राण हरने पर तुम्हें दया का अनुभव हुआ है? इस पर यमदूतों ने उत्तर दिया कि हम सिर्फ अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं, दया का प्रश्न नहीं उठता। यमराज ने फिर उनसे पूछा कि सच-सच बताओ, क्या कभी किसी की मृत्यु पर दया आई है? तब एक यमदूत ने बताया कि एक बार ऐसा हुआ था।
वह कहानी इस प्रकार है: हंस नाम का एक राजा शिकार करते हुए जंगल में भटक गया और गलती से दूसरे राज्य में प्रवेश कर गया, जहाँ राजा हेमा का शासन था। हेमा ने राजा हंस का आदरपूर्वक स्वागत किया। उसी दिन राजा हंस की पत्नी ने एक सुंदर पुत्र को जन्म दिया। ज्योतिषियों ने बालक की कुंडली देखकर भविष्यवाणी की कि उसके विवाह के चार दिन बाद ही उसकी मृत्यु हो जाएगी।
इस अशुभ संकेत को सुनकर राजा ने आदेश दिया कि बालक को यमुना किनारे एक गुफा में ब्रह्मचारी के वेश में रखा जाए और वहाँ कोई स्त्री भी न जाए। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। एक दिन हंस की पुत्री यमुना तट पर गई और उस बालक को देखकर मोहित हो गई। दोनों ने वहीं गंधर्व विवाह कर लिया। विवाह के ठीक चार दिन बाद उस बालक की मृत्यु हो गई।
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यमदूत ने बताया कि उस नवविवाहिता का दुख और विलाप देखकर मेरा मन द्रवित हो गया। यह सुनकर यमराज ने कहा कि यह तो विधि का विधान है, जिसे हम बदल नहीं सकते। फिर यमदूतों ने यमराज से पूछा कि क्या कोई ऐसा उपाय है जिससे अकाल मृत्यु से बचा जा सके? इस पर यमराज ने उत्तर दिया कि धनतेरस के दिन विधिपूर्वक पूजा और दीपदान करने से अकाल मृत्यु का भय टल सकता है।
धनतेरस की धन्वंतरि कथा
पौराणिक मान्यता के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को भगवान धन्वंतरि का प्राकट्य हुआ था। समुद्र मंथन के समय वे अमृत से भरा कलश लेकर प्रकट हुए थे, जिससे देवताओं और असुरों में अमृत प्राप्ति की होड़ मच गई। तभी से इस तिथि पर धनतेरस का पर्व मनाने की परंपरा प्रारंभ हुई, और इस दिन सोना, चांदी या बर्तन खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। भगवान धन्वंतरि को औषधि और चिकित्सा का देवता भी माना जाता है, और उनकी पूजा से सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति पाई जा सकती है।
Dhanteras 2025 धनतेरस में रखना चाहिए इन बातों का विशेष ध्यान
धनतेरस के दिन नए सामान खरीदना शुभ होता है, और कई परिवारों में भगवान गणेश व माता लक्ष्मी की मूर्तियां घर में लाने की परंपरा है। यदि आप धनतेरस की पूजा कर रहे हैं, तो कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि सौभाग्य बना रहे और किसी भी प्रकार की गलतियां न हों।
घर की स्वच्छता का रखें विशेष ध्यान
धनतेरस के दिन घर की अच्छे से सफाई कर लें। माना जाता है कि साफ-सुथरे घर में भगवान का वास होता है, और दिवाली जैसे पवित्र पर्व पर स्वच्छता का विशेष महत्व है।
पूजा विधि
दिवाली पर माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा होती है, जबकि धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा का विशेष महत्त्व है।
पुरानी चीजें हटाएं
धनतेरस पर घर से सभी अनुपयोगी वस्तुएं बाहर निकालें और नए झाड़ू खरीदें, जो देवी लक्ष्मी का प्रतीक मानी जाती है। इससे घर में नकारात्मकता दूर होती है।
गाय की सेवा
इस दिन गाय को रोटी या हरा चारा खिलाना शुभ माना जाता है। यह सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक होता है।
ध्यान रखें इन बातों का
- धनतेरस के दिन नुकीली वस्तुएं, जैसे चाकू या अन्य धारदार सामान न खरीदें।
- धनतेरस पर घर की आवश्यक चीजें खरीदें, लेकिन घर का सामान बेचने से बचें।
- इस दिन दान-पुण्य करना शुभ होता है, परंतु चावल का दान न करें।
- धनतेरस के दिन घर की रसोई में प्याज, लहसुन, अंडा या मांस न पकाएं और सेवन से भी बचें।
- खरीदारी करते समय किसी को पैसे उधार देने से भी परहेज करें।
- इस दिन घर के हर कोने में दीप जलाएं ताकि घर में अंधेरा न रहे और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।
धन की समस्या होगी दूर धनतेरस पर करें इन मन्त्रों का जाप
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष १८ अक्टूबर को
धनतेरस का त्योंहार विशेष रूप से मनाया जाएगा, जो हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा का विशेष महत्व होता है क्योंकि यही वह दिन है जब वे अमृत कलश लेकर अवतरित हुए थे। धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से साधक को आरोग्य और स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके साथ ही जीवन में सुख और सौभाग्य में भी वृद्धि होती है।
यदि आप भी भगवान धन्वंतरि की कृपा के पात्र बनने के लिए इस दिन भक्ति भाव से उनकी पूजा करें। पूजा के दौरान राशि अनुसार विशेष मंत्रों का जाप करने से फलदायक परिणाम अवश्य ही प्राप्त होते हैं।
राशि अनुसार धनतेरस के विशेष मंत्र
- मेष राशि: 'ऊँ श्री लोकाध्यक्षाय नम:' मंत्र का एक माला जप करें।
- वृषभ राशि: 'ॐ धन्वन्तरये नमः' मंत्र का एक माला जप करें।
- मिथुन राशि: 'ॐ देवाय नमः' मंत्र का एक माला जप करें।
- कर्क राशि: 'ॐ धामरूपिणे नमः' मंत्र का एक माला जप करें।
- सिंह राशि: 'ॐ नित्याय नमः' मंत्र का एक माला जप करें।
- कन्या राशि: 'ॐ सर्वेश्वराय नमः' मंत्र का एक माला जप करें।
- तुला राशि: 'ॐ सत्याय नमः' मंत्र का एक माला जप करें।
- वृश्चिक राशि: 'ॐ सत्यनिष्ठाय नमः' मंत्र का एक माला जप करें।
- धनु राशि: 'ॐ परात्पराय नमः' मंत्र का पांच माला जप करें।
- मकर राशि: 'ॐ चतुर्भुजाय नमः' मंत्र का एक माला जप करें।
- कुंभ राशि: 'ॐ प्रसन्नात्मने नमः' मंत्र का एक माला जप करें।
- मीन राशि: 'ॐ कामदाय नमः' मंत्र का पांच माला जप करें।
धनतेरस के दिन लक्ष्मी जी की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और धन का आगमन होता है। यदि आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ फेसबुक पर शेयर और लाइक करें। इसी प्रकार के और लेख पढ़ने के लिए हमारे साथ जुड़े रहें। अपने विचार कमेंट बॉक्स में साझा करें।
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
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