मेरी मानो पिया उनकी दे दो सिया

मेरी मानो पिया उनकी दे दो सिया

करना है शुभ कर्म करो,
चोरी का करना ठीक नहीं,
हरना है तो अवगुण को हरो,
परनारी का हरना ठीक नहीं।।

मेरी मानो पिया,
उनकी दे दो सिया,
बस इसी में भलाई,
तुम्हारी पिया,
बस इसी में भलाई,
तुम्हारी पिया।।

जब से हर करके लाए,
सिया जानकी,
हानि होने लगी है,
तेरी शान की,
मति कौन हरी,
ऐसी कुमति भरी,
बस इसी में भलाई,
तुम्हारी पिया,
बस इसी में भलाई,
तुम्हारी पिया।।

सारी लंका जली और,
जलती रही,
मैंने लाख कही पर,
इक ना सुनी,
मति कौन हरी,
ऐसी कुमति भरी,
बस इसी में भलाई,
तुम्हारी पिया,
बस इसी में भलाई,
तुम्हारी पिया।।

मेरी मानो पिया,
उनकी दे दो सिया,
बस इसी में भलाई,
तुम्हारी पिया,
बस इसी में भलाई,
तुम्हारी पिया।।


भजन | Halke Ram Kushwah | मेरी मानो पिया इनकी देदो सिया/मन्दोदरी रावण को समझाते हुए क्या वचन बोलतीहै

ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
 

पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।

 


यह भजन भी देखिये
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर गणेश भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें

Next Post Previous Post