महाशंख वटी पाचन को दुरुस्त करने का आयुर्वेदिक उपाय Mahashankh Vati Fayde Upyog

महाशंख वटी पाचन को दुरुस्त करने का आयुर्वेदिक चिकित्सा का उत्तम उपाय Mahashankh Vati Fayde Upyog Hindi Me

Mahashankh Vati उपयोग फायदे

महाशंख वटी का परिचय

महाशंख वटी एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि है जो विभिन्न पाचन क्रिया से संबंधित समस्याओं के उपचार में उपयोगी बहुत है। इसका गुण है की यह एक पाचक एवं अग्नि दीपक औषधि है, जिसका सेवन अपच, पेट दर्द, वायु, मंदाग्नि, ग्रहणी और अन्य जठर संबंधी विकारों को दूर करने के लिए किया जाता है। यह औषधि पेट की समस्याओं से राहत दिलाने में अत्यधिक प्रभावी मानी जाती है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में सहायक है।

महाशंख वटी के घटक द्रव्य Ingredients of Mahashankh Vati

महाशंख वटी के निर्माण में उपयोग किए गए प्रमुख घटक हैं:
  1. पीपलामूल
  2. चित्रकमूल की छाल
  3. दंती मूल
  4. शुद्ध पारद
  5. शुद्ध गंधक
  6. पीपल
  7. सज्जी क्षार
  8. यवक्षार
  9. शुद्ध टंकण
  10. सेंधा नमक
  11. काला नमक
  12. मनिहारी नमक
  13. समुद्री नमक
  14. सांभर नमक
  15. काली मिर्च
  16. शुंठी
  17. अजवाइन
  18. शुद्ध विष
  19. हरड़
  20. शुद्ध हींग
  21. इमली क्षार

महाशंख वटी के चिकित्सीय उपयोग

महाशंख वटी के सेवन से निम्नलिखित समस्याओं में लाभकारी है -

  • अपच और वायु के कारण उत्पन्न पेट दर्द
  • परिणाम शूल (अत्यधिक पेट दर्द)
  • मंदाग्नि (पाचन की धीमी प्रक्रिया)
  • ग्रहणी (डुओडेनल अल्सर), अर्श (पाइल्स) और भगंदर में राहत
  • श्वास (दमा), खांसी, पांडू (अनीमिया) और कब्ज
  • यह औषधि अग्नि दीपक और उत्तम पाचक है, जिससे भोजन का सही ढंग से पाचन होता है।
  • महाशंख वटी यकृत, छोटी और बड़ी आंत, और प्लीहा को मजबूत करती है, जिससे आपके पाचन तंत्र में सुधार प्राप्त होता है। 
  • भूख का ना लगना, कमजोर जठराग्नि, अपच, अरुचि और पेट दर्द में रामबाण उपाय माना जाता है। इसका सेवन करने से खाया पिया पचता है और भूख में वृद्धि होती है। 
  • ग्रहणी रोग के लक्षण दिखते ही इस दवा का सेवन वैद्य की सलाह लेकर उपयोग में लेना चाहिए। 
  • आयुर्वेद में शंख भस्म को फूड प्वाइजन जैसी समस्याओं के इलाज में महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पेट के विकारों को दूर करने में सहायक है।
  • इस दवा का उचित उपयोग करने पर गैस, बदहजमी और अपच जैसी परेशानियों से जल्दी राहत मिलती है।
  • आजकल कई लोग रात्रि भोजन में जंक फ़ूड या बासी भोजन का सेवन कर लेते हैं, जो दस्त या डायरिया जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है। ऐसी स्थिति में महाशंख वटी प्रभावी साबित होती है, जो बैचेनी, पेट दर्द और सिरदर्द से राहत दिलाने में मदद करती है।
  • जब कोई व्यक्ति अधिक भोजन कर लेता है, तो पेट में दर्द होने की संभावना होती है। इस स्थिति में महाशंख वटी बहुत उपयोगी मानी जाती है।
  • जब भोजन पच नहीं पाता और आमाशय में पड़ा रहता है, तब महाशंख वटी उस भोजन को आगे भेजने और पाचन क्रिया को दुरुस्त बनाए रखने में मदद करती है।

महाशंख वटी सेवन मात्रा Doses of Mahashankh Vati

महाशंख वटी का सेवन भोजन के बाद एक-एक गोली पानी के साथ किया जाना चाहिए। इसकी खुराक को चिकित्सक के परामर्श अनुसार लेना उचित होता है।

संदर्भ: महाशंख वटी का उल्लेख "भेषज रत्नावली" जैसे प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों में मिलता है, जो इसके प्रभाव और उपयोगिता को प्रमाणित करता है।

महाशंख वटी FAQs:

महाशंख वटी क्या है?

महाशंख वटी एक आयुर्वेदिक औषधि है जो अपच, पेट दर्द, और अन्य पेट से संबंधित विकारों के उपचार में उपयोगी है। यह पाचन तंत्र को सुदृढ़ करती है और जठराग्नि को प्रदीप्त करती है।

महाशंख वटी के मुख्य घटक कौन से हैं?

महाशंख वटी के मुख्य घटक हैं पीपलामूल, चित्रकमूल, शुद्ध पारद, गंधक, काली मिर्च, शुंठी, अजवाइन, हरड़, शुद्ध हींग, और इमली क्षार आदि।

महाशंख वटी का सेवन कैसे करें?

महाशंख वटी का सेवन भोजन के बाद एक-एक गोली जल के साथ किया जाता है। सही खुराक के लिए चिकित्सक से परामर्श लें।

महाशंख वटी किन समस्याओं में लाभकारी है?

यह औषधि अपच, पेट दर्द, वायु, मंदाग्नि, ग्रहणी, अर्श, श्वास, खांसी, पांडू, और कब्ज जैसी समस्याओं में उपयोगी है।

क्या महाशंख वटी का सेवन सुरक्षित है?

महाशंख वटी एक आयुर्वेदिक औषधि है, और इसे सही मात्रा में सेवन करने से कोई नुकसान नहीं होता। फिर भी, इसका सेवन चिकित्सक की सलाह अनुसार ही करें।

क्या महाशंख वटी का सेवन सभी कर सकते हैं?

महाशंख वटी का सेवन विशेषकर पाचन से संबंधित समस्याओं में लाभकारी है, लेकिन गर्भवती महिलाएं और बच्चों को इसे लेने से पहले चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।

महाशंख वटी एक पारंपरिक आयुर्वेदिक उपाय है, जो पेट की समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। इसका नियमित और सही ढंग से सेवन पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में सहायक होता है। आप इस वटी को को कई ब्रांड के माध्यम से ऑनलाइन या स्थानीय आयुर्वेदिक दवा की दूकान से खरीद सकते हैं।

इस लेख के लेखक सरोज जांगिड़, सीकर (राजस्थान ) है जो की एक अनुभवी स्वास्थ्य और आरोग्य से सम्बंधित लेखक हैं। इनके पास 10 वर्षों का अनुभव है, स्वास्थ्य सम्बन्धी लेख लिखने का। लेखक का उद्देश्य लोगों को स्वास्थ्य से संबंधित सटीक, उपयोगी और प्रभावी जानकारी प्रदान करना है। 

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