नरक चतुर्दशी के दिन शुभ मुहूर्त मन्त्र Narak Chaturdashi Mantra

नरक चतुर्दशी के दिन शुभ मुहूर्त मन्त्र Narak Chaturdashi Mantra

नरक चतुर्दशी पर विशेष मंत्रों का जाप करने से जीवन में शांति, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन यमराज की पूजा करके और दीप जलाकर असमय मृत्यु के भय को टाला जा सकता है। इसके साथ ही, नकारात्मक ऊर्जाओं, बुराई और रोगों को दूर करने के लिए निम्न मंत्रों का जाप करना शुभ माना गया है।
 
नरक चतुर्दशी के दिन शुभ मुहूर्त मन्त्र Narak Chaturdashi Mantra

नरक चतुर्दशी के दिवस पर पवित्र मंत्र
  • ॐ यमाय नमः
  • ॐ धर्मराजाय नमः
  • ॐ मृत्यवे नमः
  • ॐ अन्तकाय नमः
  • ॐ वैवस्वताय नमः
  • ॐ कालाय नमः
  • ॐ सर्वभूतक्षयाय नमः
  • ॐ औदुम्बराय नमः
  • ॐ दध्राय नमः
  • ॐ नीलाय नमः
  • ॐ परमेष्ठिने नमः
  • ॐ वृकोदराय नमः
  • ॐ चित्राय नमः
  • ॐ चित्रगुप्ताय नमः

संपूर्ण मंत्र Sampurn Mantra

"यमाय धर्मराजाय मृत्यवे चान्तकाय च, वैवस्वताय कालाय सर्वभूतक्षयाय च। औदुम्बराय दध्नाय नीलाय परमेष्ठिने, व्रकोदराय चित्राय चित्रगुप्ताय वै नमः।।"

नरक चतुर्दशी में पूजा कैसे करें?

नरक चतुर्दशी के दिन यम पूजन की परंपरा निभाने के लिए घर के सबसे बड़े सदस्य को विशेष रूप से यम दीप जलाना चाहिए। इसके लिए एक बड़ा चौमुखी दीपक लें, जिसमें चार बातियाँ डालें और तेल भरें। सूर्यास्त के बाद दीपक को जलाएं और यमराज का स्मरण करते हुए पूरे घर के अंदर, खासकर मुख्य द्वार के आसपास, इस दीपक को घुमाएं। यह प्रक्रिया घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है। इसके बाद दीपक को घर के बाहर दक्षिण दिशा में किसी साफ स्थान पर रख दें। ऐसा करने से माना जाता है कि पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और असमय मृत्यु का भय टलता है, जिससे परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। 
 

नरक चतुर्दशी के दिन क्या नहीं करना चाहिए?

नरक चतुर्दशी के दिन कुछ विशेष कार्यों से परहेज करना शुभ माना गया है। इस दिन बाल या नाखून काटने से बचना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से घर में नकारात्मकता का प्रवेश होता है और कलह-क्लेश की स्थिति बन सकती है। इसके अतिरिक्त, घर की दक्षिण दिशा को साफ-सुथरा रखें और यमराज की पूजा अवश्य करें, ताकि असमय मृत्यु का भय दूर हो सके। इस दिन किसी भी जीव को कष्ट न दें और न ही किसी का अहित करें, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है और इससे आपके घर की सुख-शांति पर असर पड़ता है। 
 
नरक चतुर्दशी के दिन यम का दीपक जलाने की परंपरा हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसे बुराई पर अच्छाई की जीत और असमय मृत्यु के भय को दूर करने का प्रतीक माना जाता है। इस वर्ष नरक चतुर्दशी 30 अक्टूबर को मनाई जाएगी, और इस दिन प्रदोष काल के समय यम दीपक जलाना शुभ माना गया है।

नरक चतुर्दशी के दिन गेहूं के आटे से बने दीपक का उपयोग करना चाहिए। इस दीपक में चार बत्तियाँ लगाएं और उसमें सरसों का तेल भरें। दीपक जलाने से पहले इसके चारों ओर गंगाजल छिड़कें, जो शुद्धिकरण का प्रतीक है। दीपक को दक्षिण दिशा में घर के मुख्य द्वार पर रखें, क्योंकि यह यम देवता की दिशा मानी जाती है। दीपक के नीचे किसी प्रकार का अनाज, जैसे चावल या गेहूं, रखना भी शुभ माना गया है।


इस दिशा में जलाएं यम का दीपक

नरक चतुर्दशी के दिन यम दीप जलाने की परंपरा का विशेष महत्व है। माना जाता है कि दक्षिण दिशा में यम दीप जलाने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में सुख-शांति का वातावरण बना रहता है। यम दीप को सूर्यास्त के बाद घर के मुख्य द्वार या आंगन में दक्षिण दिशा की ओर जलाना चाहिए, क्योंकि यह दिशा यमराज की मानी जाती है। इससे घर में नकारात्मकता दूर होती है और परिवार में समृद्धि का संचार होता है।इस दिन नरकासुर के वध की कथा भी जुड़ी है, जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। अत्याचारी राक्षस नरकासुर का अंत भगवान कृष्ण और उनकी पत्नी सत्यभामा ने किया था, जिससे स्वर्ग और पृथ्वी पर शांति स्थापित हुई। इसलिए नरक चतुर्दशी पर इन मंत्रों का जाप कर और कथा को स्मरण कर शुभता को अपने जीवन में आकर्षित किया जा सकता है।
 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक उपयोगी आकर्षक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में हेल्पफुल जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ। मेरे लेखों का उद्देश्य सामजिक जानकारी को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है।

 

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