स्वागत है मेरे इस पोस्ट में, इस पोस्ट में हम आपको एक अनोखी कहानी सुनाने जा रहे हैं, जिसका नाम है 'चतुर मुर्गा और चालाक लोमड़ी की कहानी'। यह कहानी हमें समझाती है कि कैसे हमें अपनी सूझबूझ से कठिन परिस्थितियों में खुद को बचाना चाहिए और चालाक लोगों के छल कपट से सतर्क रहना चाहिए। तो आइए, इस मजेदार और सीखने वाली कहानी का आनंद लें।
चतुर मुर्गा और चालाक लोमड़ी की कहानी
एक घने जंगल में एक ऊंचे पेड़ पर एक चतुर मुर्गा रहता था। हर सुबह सूरज उगने से पहले वह जाग जाता और जंगल में भोजन की तलाश में निकल पड़ता। दिनभर खाना चुगने के बाद शाम ढलते ही वह वापस अपने पेड़ पर लौट आता। उसी जंगल में एक बहुत ही चालाक लोमड़ी भी रहती थी, जो रोज उस मुर्गे को देखती और सोचती, "कितना बढ़िया और स्वादिष्ट मुर्गा है, इसे पकड़ सकूं तो मेरा पेट भर जाएगा।" लेकिन मुर्गा कभी भी उसकी पकड़ में नहीं आता था, जिससे लोमड़ी की भूख और बढ़ जाती थी।
एक दिन लोमड़ी ने मुर्गे को पकड़ने के लिए एक चालाकी भरी तरकीब सोची। वह पेड़ के पास आई और बड़े प्यार से आवाज लगाई, "अरे ओ मुर्गे भाई, क्या तुम्हें एक अच्छी खबर मिली है? " मुर्गे ने पेड़ से नीचे झांकते हुए पूछा, "कौन सी खबर, लोमड़ी बहन?" लोमड़ी ने मुस्कुराते हुए कहा, "जंगल के राजा और सभी जानवरों ने यह तय किया है कि आज से कोई किसी को नुकसान नहीं पहुंचाएगा। अब सब जानवर एक दूसरे के दोस्त बन गए हैं। तुम भी नीचे आओ और हम गले लगाकर इस खुशी को मनाते हैं।"
लोमड़ी की बात सुनकर मुर्गा मुस्कुराया और उसे देख कर बोला, "अरे वाह! ये तो बहुत ही अच्छी खबर है।" उसने पेड़ की ओर इशारा करते हुए कहा, "देखो लोमड़ी बहन, शायद इसी खुशी में हमारे कुछ और दोस्त भी हमारी ओर आ रहे हैं।" लोमड़ी ने चौंक कर पूछा, "कौन से दोस्त" मुर्गे ने कहा, "अरे वो शिकारी कुत्ते हैं, अब वो भी हमारे दोस्त बन गए हैं न?"
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कुत्तों का नाम सुनते ही लोमड़ी का चेहरा फीका पड़ गया। उसे लगा कि यदि कुत्ते यहां पहुंच गए, तो वह मुश्किल में फंस जाएगी। उसने मुर्गे से कहा, "ओह, मैं भूल गई कि मुझे एक जरूरी काम याद आ गया है।" इतना कह कर वह तेजी से वहां से भागने लगी।
मुर्गे ने हंसते हुए कहा, "अरे लोमड़ी बहन, कहां जा रही हो, अब तो हम सब दोस्त हैं न?" भागते भागते लोमड़ी ने जवाब दिया, "हां हां, दोस्त तो हैं, पर शायद कुत्तों को अभी यह खबर नहीं मिली है।" और वह बिना मुड़ कर देखे दूर निकल गई। इस तरह, मुर्गे की सूझबूझ ने उसकी जान बचा ली।
कहानी से शिक्षा
बच्चों, इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि किसी भी बात पर आसानी से विश्वास नहीं करना चाहिए और चालाक लोगों से सतर्क रहना चाहिए। मुर्गे ने अपनी समझदारी से खुद को लोमड़ी के धोखे से बचा लिया। हमें भी जीवन में हर स्थिति में सतर्क और समझदार बने रहना चाहिए।
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