भरोसे का महत्त्व प्रेरणादायक कहानी Bharose Ka Mahatv Kahani Panchtantra
स्वागत है मेरे पोस्ट में, इस पोस्ट में हम एक प्रेरणादायक कहानी के माध्यम से जानेंगे कि किसी भी सुझाव को आंख बंद करके मानना सही नहीं होता। समझदार और सूझबूझ सोच न सिर्फ समस्याओं का हल कर देती है बल्कि संभावित खतरों से भी बचाती है। चलिए, कहानी के माध्यम से जानते हैं कि कैसे एक छोटे से उपाय से बड़ा परिणाम प्राप्त हो सकता है।

कहानी: भरोसे का महत्त्व
कई साल पहले की बात है। एक घने जंगल में एक विशाल बरगद का पेड़ था। उसी पेड़ पर एक बगुला रहा करता था। पेड़ के नीचे एक बिल में एक खतरनाक सांप भी रहता था। वह सांप बहुत ही निर्दयी था। सांप अपनी भूख मिटाने के लिए बगुले के छोटे-छोटे बच्चों को खा जाया करता था। बगुला इस बात से बहुत दुखी और परेशान रहता था। लेकिन उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे।एक दिन जब सांप की इन हरकतों से बगुला हताश हो गया, तो वह नदी किनारे जाकर बैठ गया। बैठे-बैठे उसकी आंखों में आंसू आ गए। यह देख नदी में रहने वाला केकड़ा बाहर आया और बोला, "बगुला भैया, क्या हुआ? इतने उदास क्यों है? आपको इस तरह रोता देख मुझे अच्छा नहीं लग रहा।"बगुला दुखी मन से बोला, "क्या बताऊं केकड़ा भाई, मैं उस साँप से बहुत परेशान हूँ। वह बार-बार मेरे बच्चों को खा जाता है। मैंने घोंसला कितना भी ऊपर बना लिया हो, लेकिन वह सांप फिर भी वहां पहुंच ही जाता है। अब तो उसके कारण मैं घर से बाहर भी नहीं जा सकता, क्योंकि पता नहीं कब वह फिर से हमला कर दे। क्या तुम कोई उपाय बता सकते हो?"केकड़े ने बगुले की परेशानी सुनी और मन ही मन सोचा, “बगुला भी तो कई बार मेरे दोस्तों और परिवार को खा जाता है। क्यों न ऐसा उपाय किया जाए जिससे सांप और बगुला, दोनों का खेल खत्म हो जाए।” तभी उसके मन में एक चालाक विचार आया।उसने बगुले से कहा, "बगुला भैया, तुम्हारे पेड़ से थोड़ी दूरी पर नेवले का बिल है। तुम सांप के बिल से लेकर नेवले के बिल तक मांस के टुकड़े बिछा दो। नेवला मांस खाते-खाते सांप के बिल तक पहुंच जाएगा, और फिर वह उस सांप को मार डालेगा।"

बगुले को केकड़े का यह सुझाव ठीक लगा और उसने वैसा ही किया जैसा केकड़े ने कहा। उसने सांप के बिल से लेकर नेवले के बिल तक मांस के टुकड़े बिछा दिए। नेवला उन टुकड़ों को खाते हुए सांप के बिल तक पहुंचा और उसने सांप को मार डाला। लेकिन मांस की गंध से खिंचकर नेवला जब बरगद के पेड़ तक पहुंचा तो उसने न सिर्फ सांप को मारा, बल्कि बगुले को भी अपना शिकार बना कर उसको भी खा लिया।

इस कहानी से सीख
दोस्तों, इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें किसी की बात पर बिना सोचे-समझे भरोसा नहीं करना चाहिए। हर सुझाव का ठीक से मूल्यांकन करना चाहिए कि उसका क्या परिणाम हो सकता है। बगुले ने बिना सोचे केंकड़े की सलाह मानी और इसका परिणाम उसे खुद भुगतना पड़ा। इसलिए, कोई भी निर्णय लेने से पहले उसके अच्छे और बुरे परिणाम के बारे में जरूर विचार करें।
इस प्रेरणादायक कहानी में जानिए कि कैसे एक बगुला अपनी परेशानी का हल पाने के लिए दूसरे की बात पर आंख बंद करके विश्वास कर लेता है, और इसका खामियाजा उसे खुद उठाना पड़ता है। यह कहानी हमें सिखाती है कि किसी भी सलाह को मानने से पहले उसके परिणामों पर विचार करना जरूरी है। पढ़ें और जानें कि सही निर्णय कैसे लिया जाए।
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
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