सियार और जादुई ढोल प्रेरणादायक कहानी The Jackal And The Drum Motivational Story

सियार और जादुई ढोल प्रेरणादायक कहानी The Jackal And The Magical Drum Motivational Story

प्रिय बच्चों, आज हम आपके लिए एक बहुत ही रोचक और मजेदार कहानी लेकर आए हैं - "सियार और जादुई ढोल" इस कहानी में आपको सियार की चतुराई, उसकी भूख और एक रहस्यमयी ढोल के साथ उसके अनोखे अनुभव के बारे में जानने को मिलेगा। यह कहानी हमें सिखाती है कि कैसे समझदारी और धैर्य से हर मुश्किल का हल निकाला जा सकता है। तो चलिए, इस दिलचस्प कहानी की शुरुआत करते हैं!

Jackal And The Magical Drum

कहानी - बहुत समय पहले की बात है, एक घना जंगल था, जिसके पास दो राजाओं के बीच भीषण युद्ध हुआ। युद्ध के बाद, एक राजा की जीत हुई और दूसरा हार गया। जब युद्ध समाप्त हो गया और सेनाएं वहां से चली गईं, तब तेज आंधी चलने लगी। इस आंधी के कारण युद्ध के दौरान बजाया गया ढोल लुड़कता हुआ जंगल के अंदर चला गया और एक पेड़ के पास आकर अटक गया। जैसे ही तेज हवा चलती, पेड़ की टहनियां ढोल से टकरातीं और ढोल से “ढमाढम” की आवाजें गूंजने लगतीं।

उसी जंगल में एक सियार रहता था, जो भोजन की तलाश में घूम रहा था। वह इधर-उधर भटकता रहा और अचानक उसकी नजर एक खरगोश पर पड़ी, जो मजे से गाजर खा रहा था। सियार ने सोचा कि यह तो अच्छा शिकार है। वह धीरे-धीरे खरगोश के पास पहुंचा और मौका देखकर उस पर झपटा मारा। खरगोश तुरंत सतर्क हो गया और सियार के मुंह में गाजर फंसाकर तेजी से भाग गया। सियार ने किसी तरह गाजर को मुंह से निकाला और फिर से आगे बढ़ा।

जंगल में आगे बढ़ते हुए, अचानक सियार को ढोल की तेज आवाज सुनाई दी। वह इस अनोखी आवाज को सुनकर डर गया, क्योंकि उसने ऐसी अजीबोगरीब आवाज पहले कभी नहीं सुनी थी। डरते हुए, वह सोचने लगा कि यह कौन सा जानवर है जो ऐसी आवाजें निकाल रहा है। यह जानने के लिए कि यह आवाज कहां से आ रही है, सियार धीरे-धीरे उस दिशा में बढ़ा और आवाज के स्रोत के पास पहुंचा।

सियार को एक बड़ा ढोल दिखा, जो पेड़ के नीचे पड़ा था। उसे समझ नहीं आ रहा था कि यह ढोल क्या चीज है और आवाज क्यों आ रही है। सियार ने ढोल पर हमला करने का मन बनाया और झपटकर उस पर कूदा। जैसे ही उसने ढोल पर छलांग मारी, ढोल से “ढम” की आवाज आई, जिससे सियार डरकर पीछे हट गया और पेड़ के पीछे छुप गया। कुछ समय बाद, उसने देखा कि वहां कुछ भी नहीं हुआ और ढोल स्थिर पड़ा है। उसने फिर से हिम्मत जुटाई और दुबारा ढोल पर कूदा, जिससे फिर वही आवाज आई और सियार फिर डरकर पीछे हट गया।

आखिरकार, उसने देखा कि ढोल में कोई हलचल नहीं हो रही थी। यह देखकर सियार समझ गया कि यह कोई जानवर नहीं है। धीरे-धीरे उसका डर खत्म हो गया और वह ढोल पर कूद-कूदकर उसे बजाने लगा। ढोल हिलने लगा और कुछ ही देर में ढोल फट गया। जैसे ही ढोल फटा, उसके अंदर से कई तरह के स्वादिष्ट भोजन बाहर गिर गए। सियार ने उन सभी चीजों को खाकर अपनी भूख शांत की और खुशी-खुशी वहां से चला गया।

कहानी से सीख : सियार और जादुई ढोल

इस कहानी से सीख

इस कहानी से हमें यह सिखने के लिए मिलता है कि धैर्य और समझदारी से काम लेने पर हमें जीवन में अच्छे अवसर मिल सकते हैं। हर चीज का अपना समय होता है और हमें धैर्यपूर्वक सही समय का इंतजार करना चाहिए।

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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