पंछीड़ा लाल लीला छ कमाल लीलाधर की भजन

पंछीड़ा लाल लीला छ कमाल लीलाधर की भजन

पंछीड़ा लाल लीला,
छे कमाल लीलाधर की,
मरजा जो पाछो नहीं आवे,
अजब रीत उण घर की।।

संत महात्मा घणा होया जो,
खबर लेत अंबर की,
मरवा खातिर बेबी पकड़े,
सड़क बिना डंबर की।।

जो भी मरिया फिरया नहीं पाछा,
करगा ओट नजर की,
देवी देवता नहीं आया तो,
कांई ताकत नर की।।

रावण पकड़ काल ने धर दियो,
खिड़की कारा गर की,
वोही काल उड़ाकर ले गयो,
देही दसकंदर की।।

नरसिंहदास पकड़ पंछीड़ा,
शरण राधिका वर की,
चिंता फिकर छोड़ दे प्यारे,
आशा छोड़ जिगर की।।

पंछीड़ा लाल लीला,
छे कमाल लीलाधर की,
मरजा जो पाछो नहीं आवे,
अजब रीत उण घर की।।


TAPSAVI PRAKASH DAS JI ।।पंछिडा लाल लीला छ कमाल लीलाधर की।। Panchida Lal Leela cha kamal Liladhar ki

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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