नैणां में जेठ असाढ़ लागणौ मीनिंग Naina Me Jeth Aasadh Rajasthani Kahavat

राजस्थानी कहावत-नैणां में जेठ असाढ़ लागणौ।


अर्थ हिंदी में: आँसुओं की झड़ी लग जाना, अत्यधिक रोना.
अंग्रेज़ी में: Tears flowing uncontrollably, like the heavy rains of June-July.
गांव छोड़ते समय गीता कै नैणां में जेठ असाढ़ लाग गयो।
हिंदी में: गाँव छोड़ते समय गीता की आँखों से आँसुओं की झड़ी लग गई।
अंग्रेज़ी में: While leaving the village, tears flowed uncontrollably from Geeta’s eyes.

नैणां में जेठ असाढ़ लागणौ मीनिंग Naina Me Jeth Aasadh Rajasthani Kahavat

यह कहावत तब उपयोग में आती है जब किसी की आँखों से आँसुओं की धारा बह रही हो। यह गहरे दुःख, भावनात्मक क्षण, या अत्यधिक खुशी में भी व्यक्त की जाती है। इसे वर्षा ऋतु की तुलना में आँसुओं की अधिकता दिखाने के लिए कहा गया है।

"नैणां में जेठ असाढ़ लागणौ" कहावत आँसुओं की अत्यधिक बहाव को दर्शाने के लिए इस्तेमाल होती है। जेठ और असाढ़ महीने, जो गर्मी और बारिश के लिए जाने जाते हैं, की तुलना आँसुओं के बहाव से की जाती है। यह कहावत केवल दुःख तक सीमित नहीं है; कभी-कभी यह खुशी के अत्यधिक भावनात्मक पलों का भी प्रतीक होती है। यह मानवीय संवेदनाओं की गहराई को उजागर करती है और हमें यह समझने में मदद करती है कि आँसू भावनाओं का स्वाभाविक और शक्तिशाली माध्यम हैं।

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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