महात्मा बुद्ध प्रेरणादायक कहानी दान Buddha Motivational Story Daan

महात्मा बुद्ध प्रेरणादायक कहानी दान Buddha Motivational Story Daan

जब भगवान बुद्ध का पाटलिपुत्र में आगमन हुआ, तो शहर के हर व्यक्ति ने अपनी स्थिति के अनुसार उन्हें उपहार देने का निश्चय किया। राजा बिंबिसार ने भी बड़े ही कीमती हीरे, मोती, और रत्न बुद्ध को भेंट किए, जिन्हें बुद्धदेव ने मुस्कान के साथ एक हाथ से स्वीकार किया। इसके बाद वहां उपस्थित मंत्रियों, सेठों और व्यापारियों ने भी अपने-अपने उपहार अर्पित किए, और बुद्धदेव ने सभी भेंटों को एक हाथ से ही ग्रहण किया।

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इसी बीच एक बुजुर्ग महिला, लाठी का सहारा लेकर, बुद्धदेव के पास आई। उसने उन्हें प्रणाम किया और बोली, "भगवान, आपके आगमन की खबर सुनते ही, मैं इसी अनार को खा रही थी। मेरे पास कोई और चीज नहीं थी, इसलिए यह अधखाया अनार ही भेंट स्वरूप लाई हूं। कृपया इसे स्वीकार करें, तो मैं इसे अपना सौभाग्य समझूंगी।" भगवान बुद्ध ने तुरंत अपने दोनों हाथ बढ़ाकर उस अनार को आदर के साथ ग्रहण किया।

राजा बिंबिसार ने यह दृश्य देखा और बुद्धदेव से विनम्रता से पूछा, "भगवान, हम सभी ने आपको अनमोल और बड़े उपहार दिए, जिन्हें आपने केवल एक हाथ से लिया। लेकिन इस बुजुर्ग महिला के छोटे और अधखाए फल को आपने दोनों हाथों से क्यों स्वीकार किया?"

बुद्ध मुस्कराए और उत्तर दिया, "राजन, आप सभी ने मुझे जो उपहार दिए हैं, वे निश्चित रूप से बहुमूल्य हैं, लेकिन वे आपकी संपत्ति का केवल एक छोटा सा हिस्सा हैं। यह दान सिर्फ प्रतिष्ठा और दिखावे के लिए है, इसे गरीबों या दीनों की सहायता की भावना से नहीं दिया गया। ऐसे में यह दान 'सात्विक दान' की श्रेणी में नहीं आता।

इसके विपरीत, इस बुजुर्ग महिला ने अपने पास मौजूद एकमात्र चीज - अपने खाने का कौर ही मुझे दे दिया है। भले ही यह महिला निर्धन है, लेकिन इसमें संपत्ति का कोई मोह नहीं है। इसके दान में निःस्वार्थ भाव है, जो इसे विशेष और पवित्र बनाता है। इसी कारण से मैंने इसे खुले हृदय से, दोनों हाथों से ग्रहण किया है।"

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सीख: इस कहानी (Daan) से हमें यह समझने को मिलता है कि दान की सच्ची महत्ता उसकी भव्यता में नहीं, बल्कि उस भावना में होती है, जिसके साथ उसे दिया गया है।

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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