पंचतंत्र की कहानी संगीतमय गधा

स्वागत है मेरे इस पोस्ट में। आज हम एक दिलचस्प और प्रेरणादायक कहानी पढ़ेंगे जो पंचतंत्र की कहानियों में से एक है। इस कहानी का नाम है "संगीतमय गधा"। इस कहानी के माध्यम से हम सीखेंगे कि दूसरों की सलाह को नजरअंदाज करना हमें कैसे मुश्किल में डाल सकता है। कहानी में गधे की मूर्खता और गीदड़ की चतुराई का जिक्र है, जो बच्चों और बड़ों के लिए एक महत्वपूर्ण शिक्षा है। तो आइए, इस कहानी में समझें कि जब हमें किसी ने अच्छे के लिए कुछ समझाने का प्रयास किया है, तो उसे मानना क्यों जरूरी है। Panchtantra Kahani Musical Donkey

पंचतंत्र की कहानी संगीतमय गधा

पंचतंत्र की कहानी संगीतमय गधा

बहुत समय पहले की बात है, एक गांव में एक धोबी रहता था जिसका एक गधा था, जिसे उसने 'हीरा' नाम दिया था। धोबी काफी कंजूस था, और अपने गधे को चारा-पानी नहीं देता था। बेचारा हीरा पेट भरने के लिए यहां-वहां भटकता रहता था, और इस कारण वह बहुत कमजोर हो गया था।

एक दिन धोबी ने उसे चरने के लिए छोड़ दिया, और हीरा चरते-चरते जंगल में पहुंच गया। वहां उसकी मुलाकात एक गीदड़ से हुई। गीदड़ ने देखा कि हीरा बहुत कमजोर था, और उसने उससे पूछा, “गधे भाई, तुम इतने दुबले क्यों हो?”

हीरा ने जवाब दिया, “मेरा मालिक मुझसे दिनभर काम कराता है, पर खाने के लिए कुछ नहीं देता। इसलिए मुझे भूखा रहकर इधर-उधर भटकना पड़ता है।”

गीदड़ ने मुस्कुराते हुए कहा, “मेरे पास एक उपाय है जिससे तुम्हें भूखा नहीं रहना पड़ेगा। पास में एक बाग है जहां हर तरह की सब्जियां और फल हैं। मैंने वहां जाने का एक गुप्त रास्ता बना रखा है। मैं हर रात वहां जाकर भरपेट खाता हूं, और इसीलिए मैं इतना तंदुरुस्त हूं।”

गीदड़ की बात सुनकर मोती खुश हो गया और गीदड़ के साथ चल पड़ा। दोनों बाग में पहुंचे और मोती ने हरे-भरे फल और सब्जियां देखी। उसने तुरंत खाने की शुरुआत की, और गीदड़ के साथ जी भर कर खाया। दोनों रात भर वहीं सो गए।

सुबह होने से पहले गीदड़ ने हीरा को जगाया और जल्दी बाहर निकलने के लिए कहा। हीरा ने गीदड़ की बात मानी और दोनों बाग से बाहर निकल आए।

यह सिलसिला रोज चलता रहा, और समय के साथ हीरा खूब तंदुरुस्त हो गया। उसका शरीर चमकने लगा, और उसमें नई ऊर्जा आ गई थी। एक दिन, उसने पेट भरकर खूब खाया और इतना खुश हुआ कि गाना गाने का मन करने लगा।

गीदड़ ने उसे चेतावनी दी, “गधे भाई, यह बाग है, हम यहां चोरी से फल सब्जियां खाते है, अगर तुम यहां गाना गाओगे, तो बाग का मालिक आ जायेगा और हमें पकड़ लेगा।”

हीरा ने हंसते हुए कहा, “तुम गाने के बारे में क्या जानते हो, हम गधे गाने के शौकीन होते हैं। आज तो मेरा दिल गाना गाने का बहुत कर रहा है।”

गीदड़ ने महसूस किया कि अब हीरा को गाने से रोक पाना मुश्किल है। उसने एक चाल चली और बोला, “गधे भाई, शायद तुम सही कह रहे हो। बाग का मालिक तुम्हारी सुरीली आवाज सुनकर खुश होगा और तुम्हें फूलों की माला पहनाएगा। लेकिन मैं पहले कुछ फूल ले आऊं ताकि तुम्हें सम्मानित कर सकूं।”

हीरा ने सहमति दी और गीदड़ के जाते ही गाने की तैयारी करने लगा। गीदड़ वहां से चुपचाप भाग गया। जैसे ही हीरा ने गाना शुरू किया, उसकी ऊंची आवाज सुनकर बाग का मालिक जाग गया। वह लाठी लेकर बाग में आ पहुंचा और हीरा को देखकर गुस्से में भर गया। उसने हीरा की जमकर पिटाई की, जिससे हीरा अधमरा होकर जमीन पर गिर पड़ा।

कहानी से शिक्षा

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें दूसरों की सलाह पर गौर करना चाहिए, खासकर जब वे हमारे भले के लिए हमें कुछ समझा रहे हों। अगर हम अज्ञानता और जिद में उनकी बातों को नजरअंदाज करते हैं, तो उसके दुष्परिणाम हमें भुगतने ही होते हैं।

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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