बार बार सतगुरू समझावे ऐसो अवसर बहुरि न आवे

बार बार सतगुरू समझावे ऐसो अवसर बहुरि न आवे

बार बार सतगुरु समझावे,
ऐसो अवसर बहुरि न आवे।।

राम नाम भज लो शिशु भाई,
मुक्ति होवन की युक्ति बताई,
बार बार सतगुरु समझावे,
ऐसो अवसर बहुरि न आवे।।

थिर नहीं हस्ती, थिर नहीं घोड़ा,
थिर नहीं नार, पुरुष का जोड़ा,
बार बार सतगुरु समझावे,
ऐसो अवसर बहुरि न आवे।।

कहाँ अजमल, कहाँ जसवंता,
कहाँ गये राजा, राज करंता,
बार बार सतगुरु समझावे,
ऐसो अवसर बहुरि न आवे।।

कहे सुखराम राम रा बन्दा,
काटे जम फन्दा,
बार बार सतगुरु समझावे,
ऐसो अवसर बहुरि न आवे।।

बार बार सतगुरु समझावे,
ऐसो अवसर बहुरि न आवे।।


Guru Mahima Bhajan - Bar Bar Satguru Samjhave By Raju Asawari. गुरूमहिमा भजन - राजू चौधरी असावरी

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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